पाकिस्तान धर्माध्यक्षीय समिति ने आसमा जहाँगीर का साथ दिया
कराची, पाकिस्तान, 9 जून, 2012 (सीएनए) पाकिस्तान धर्माध्यक्षीय समिति ने मानवाधिकार
कार्यकर्ता आसमा जहाँगीर को अपनी ‘सहायता और सहानुभूति’ प्रदान कर रही है जिसने बताया
कि उसके जान को खतरा है।
फीदस के अनुसार शांति और न्याय के लिये बने आयोगके महासचिवप
पीटर जेकब ने जहाँगीर के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,
धार्मिक अल्पसंख्यकों वैधता, प्रजातंत्र और कानून का शासन के प्रति समर्पित रहे हैं।
समाचार
के अनुसार जहाँगीर को जान से मार देने की धमकी इसलिये दी जा रही है क्योंकि उन्होंने
हाल में पश्चिम पाकिस्तान के एक प्राँत बालुचिस्तान हथियारबन्द कथित रूप से लोगों ने
कानून अपने ऊपर लेते हुए आम लोगों पर अत्याचार किया।
मानवाधिकार कार्यकर्ता जहाँगीर
ने बलुचिस्तान में हुए अपहरणों, लापता लोगों और हत्याओँ का विरोध किया है।
बताया
जाता है कि करीब 2 हज़ार लोग अब भी लापता हैं, 550 आतंकवादी गतिविधियों रिपोर्ट की गयी
हैं और हाल के दिनों में क्षेत्र की अव्यवस्था करीब 1 लाख लोगों ने अपने घर छोड़ दिये
हैं।
काथलिक वकील नइम शेकर ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को दिये जाने वाले हिंसा
या उत्पीड़न की धमकी का वे भर्त्षणा करते हैं।
विदित हो जहाँगीर पाकिस्तान में
मानवाधिकार आयोग के संस्थापक हैं। यह एक गैरसरकारी संगठन है जो संयुक्त राष्ट्र संघ परिषद
में मानवाधिकारों का प्रतिनिधित्व करती है।
जहाँगीर ने बताया कि बहुत ही विश्वस्त
सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है कि सरकार में शामिल कुछ लोग और आईएसआई उन्हें मार
डालना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बतलाया कि वे एक ज़िम्मेदार व्यक्ति हैं और नगण्य बातों
के लिये कभी भी पुलिस का सहारा नहीं लेतीं हैं।
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग
के सदस्यों ने जहाँगीर के आरोपों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से
मदद की अपील की है।