2012-06-04 17:51:33

मिलान, इटली में 7वें विश्व परिवार दिवस के समापन पर आयोजित यूखरिस्तीय समारोह में संत पापा का प्रवचन के सार


मिलान, 4 जून, 2012 (सेदोक, एशियान्यूज़) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 7वें विश्व परिवार दिवस के समापन के लिये मिलान के ब्रेसो पार्क में 3 जून रविवार को आयोजित यूखरिस्तीय सभा में लाखों की संख्या में उपस्थित विश्वासियों को संबोधित करते हुए कहा, "विवाह पर आधारित परिवार आधुनिक परिवार में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।"

उन्होंने कहा, "आज विवाह के बुलाहट को जीना आसान नहीं है फिर भी प्रेम का यह आमंत्रण अनुठा वरदान है। यह एक ऐसी शक्ति है जो दुनिया में परिवर्तन ला सकती है।"

उन्होंने कहा, "आप कलीसियाई जीवन में भाग लें और ईश्वर के साथ अपना संबंध बनाये रखें। आप इस दूसरों के विचारों का सम्मान करें, दूसरों की असफलताओं पर धैर्यवान बनें और सदा सेवा के लिये तैयार रहें।"

पोप ने कहा कि आप परिवारों के प्रति खुले रह कर शिक्षा-दीक्षा संबंधी सिद्धांतों पर सहमति दिखायें, ग़रीबों का ख़्याल रखें और सार्वजनिक जीवन के दायित्वों को निभायें।

आज के दूसरे पाठ में प्रेरित संत पौल हमें याद दिलाते हैं कि बपतिस्मा में हमने पवित्र आत्मा को पाया है जो हमें येसु ख्रीस्त के साथ भाई-बहनों रूप में एक कर लेता है और हमें ईश्वर की संतान बनाता है।

बपतिस्मा में हमने ईश्वरीय जीवन की एक नयी झलक पायी जो तब तक बढ़ता जाता है जब तक हम स्वर्ग में इसकी परिपूर्णता प्राप्त न कर लें।

संत पापा ने कहा, "आज हम पवित्र तृत्व का महोत्सव मना रहे हैं जो हमें इस बात के लिये आमंत्रित करता है कि हमें पवित्र तृत्व के रहस्य पर चिन्तन करें; हम ईश्वरीय परिवार से संयुक्त हों और एक-दूसरे के साथ वैसा ही जीवन बितायें जैसा कि पवित्र तृत्व के प्रत्येक जन एक-दूसरे से एकता के एकसूत्रमें बँधे हुए हैं। हम आज विश्वास के रहस्यों को समझें और उन्हें दूसरों को सद्भावना के साथ बतलायें ताकि हमें अपने प्रेम को दूसरों को दिखला सकें, अपने दुःख और सुख को दूसरों को बतला सकें, दूसरों को क्षमा दे सकें और विभिन्न धर्माध्यक्षों के नेतृत्व में अपना जीवन ईश्वर के लिये चढ़ा सकें।"

इसे संक्षेप में कहा सकता है कि "हम अधिक-से-अधिक ऐसे परिवार बनाये कि उनके जीवन से पवित्र तृत्व की एकता और सुन्दरता झलके। हम सिर्फ़ अपने शब्दों से सुसमाचार का प्रचार न करें पर मैं तो कहूँगा कि जीवंत प्रेम के ‘विकिरण’ से सुसमाचार का प्रचार हो।"

आज मैं इस बात को बतलाना चाहता हूँ कि न केवल कलीसिया त्रियेक ईश्वर की प्रतिरूप बने पर एक नर और एक नारी से विवेक की सहायता से निर्मित परिवार भी तृत्वमय ईश्वर का प्रतिरूप बने।

ईश्वर ने नर और नारी को न केवल समान बनाया और एक ही मर्यादा प्रदान की पर उनमें पूरक विशेषतायें भी दी ताकि दोनों प्राणी एक-दूसरे के लिये अमूल्य वरदान बनें, दूसरे को सम्मान दें और एक ऐसा समुदाय बनायें जिसका आधार हो प्रेमभरा जीवन। मैं बतलाना चाहता हूँ कि यह प्रेम ही है जो मानव प्राणी को ईश्वर और पवित्र तृत्व का प्रतिरूप बनाता है।

प्रिय विवाहित भाइयो एवं बहनों, वैवाहिक जीवन में आप एक-दूसरे को कोई विशेष चीज़ या क्रिया-कलाप मात्र नहीं देते, पर आप देते हैं - सम्पूर्ण जीवन।

प्रेम सबसे पहले अपने जीवन में फल लाये, और फिर आपके बच्चों में, उनकी देखभाल और उनकी शिक्षा-दीक्षा में। इतना ही नहीं यह समाज में भी उचित फल उत्पन्न करे क्योंकि पारिवारिक जीवन ही सामाजिक गुणों की पहली और अनमोल पाठशाला है जहाँ व्यक्ति दूसरों का सम्मान करना, भरोसा करना एकता में रहना और सहयोग करना सीखता है।

विवाहित भाइयो एवं बहनों, तकनीकि युग में आप विश्वास की ताकत से जीवन के उच्च लक्ष्यों को बतलाते हुए अपने बच्चों की देखभाल कीजिये। बच्चो, आप भी अपना संबंध ईश्वर के साथ गहरा कीजिये, अपने माता-पिता का सम्मान कीजिये और इस बात को ध्यान दीजिये कि आपका प्रेम संबंध अपने भाई-बहनों से अनवरत बढ़ता रहे।

मैं आपलोगों को एक और बात बतलाना चाहता हूँ कि ईश्वर ने मानव को अपने अनुरूप बनाया और इसलिये भी बुलाया ताकि वह विश्राम करे और आनन्द मनाये। ईसाइयों के लिये रविवार - एक त्योहार है। साप्ताहिक पास्का पर्व । यह वही दिन है जब ईश्वर हमें एकत्र करते हैं ताकि हम यूखरिस्तीय बलिदान में उनसे पोषित हों उनके प्रेम को ग्रहण करें और उनके प्रेम से ही जीवन बितायें। रविवार का दिन ऐसा दिन हो जब व्यक्ति प्रफुल्लता, मित्रता, एकता, संस्कृति, प्रकृति से निकटता तथा मनोरंजन जैसे मूल्यों का अनुभव करे।

आज की दुनिया की व्यस्तताओं के बावजूद व्यक्ति ईश्वर को न भूले और परिवार, श्रम और उत्सव जैसे तीन मह्त्वपूर्ण वरदानों का उचित सामंजस्य करे।


संत पापा ने देवदूत प्रार्थना के पूर्व लोगों से कहा समारोह का समापन करते हुए अब हम माता मरिया की अपनी दृष्टि दौड़ायें और उन लोगों को धन्यवाद दें जिन्होंने विश्व परिवार दिवस की सफलता के लिये बहूमूल्य योगदान दिया।

अगला विश्व परिवार दिवस 2015 में अमेरिका के फिलाडेलफिया में सम्पन्न होगा। फिलाडेलफिया के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स चापुत और पूरी कलीसिया को इसके लिये अपनी शुभकामनायें देता हूँ।

ईश्वर आप सबों आशिष प्रदान करे।









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