संत पापा की प्रार्थना, ‘ईश्वर ख्रीस्तीय परिवारों को नया कर दे’
मिलान, इटली, 2जून, 2012(वीआर,अँग्रेज़ी) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने शनिवार 2 जून
को संत मेरी नाशेन्त बसिलिका में प्रातः प्रार्थना के समय प्रवचन देते हुए कहा, "पुरोहितों
के लिये रोजाना ‘लिटर्जी ऑफ दि आवर्स’ एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है।"
उन्होंने
कहा, "डिवाइन ऑफिस, जो यूखरिस्तीय रहस्य में केन्द्रित रहस्य को लम्बा बनाता है पर पुरोहितों
को येसु मसीह में एक करता है।"
संत पापा ने सेमिनरी के धर्मबंधुओं से कहा, "आप
प्रार्थना का आनन्द लेना सीखें और सेमिनरी के अपने समय को पूर्ण समर्पण के साथ बितायें।"
उन्होंने
कहा, "यदि येसु मसीह ने अपनी कलीसिया के निर्माण के लिये पुरोहितों पर पूर्ण भरोसा किया,
पुरोहितों को भी चाहिये कि वे अपने-आपको पूर्ण रूप से बिना संशय के उन्हें सौंप दें।"
संत
पापा ने सेमिनेरियनों से कहा,"आप प्रभु येसु को प्यार करें, पुरोहिताई जीवन की आत्मा
और सबसे बड़ा कारण भी प्रभु येसु ही हैं।"
इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने समर्पित
भाइयों और बहनों के जीवन की सराहना की और कहा कि वे अपने भविष्य को पूरे आत्मविश्वास
के साथ देखें, ईश्वर की शक्ति और कृपा पर पूर्ण भरोसा रखें जो सदा ही नये एवं आश्चर्चजनक
कार्य करते हैं।
अपने प्रवचन में ईश्वर ने माता मरिया एवं संतों की मध्यस्थता
से प्रार्थना की और कहा, "हे पिता आप सभी वरदानों के श्रोत हैं, पुरोहितों के कार्यों
में सफलतायें दे, उन्हें मजबूत कर, ख्रीस्तीय परिवारों को नया कर दे ताकि वे ईश्वर की
इच्छा के अनुसार पुरोहितीय बुलाहट और समर्पित जीवन के लिये उर्वर स्थल बन सकें।