2012-05-28 13:19:02

‘पेन्तेकोस्त’ कलीसिया की एकता और बपतिस्मा का महोत्सव


वाटिकन सिटी, 28 मई, 2012 (एशियान्यूज़) रविवार 27 मई को संत पेत्रुस महागिरजाघर में पेन्तेकोस्त के महोत्सव पर यूखरिस्तीय बलिदान के समय प्रवचन देते हुए कहा, "पेन्तेकोस्त, कलीसिया की एकता और बपतिस्मा का महोत्सव है।"
उन्होंने कहा, "यह त्योहार वैसे लोगों की समझ के विपरीत है जो सोचते हैं कि अपनी शक्ति से स्वर्ग का तय कर सकते हैं। यह त्योहार ईश्वर की इच्छा को समझने का त्योहार है।"
संत पापा ने कहा, "पेन्तेकोस्त का त्योहार मानव एकता, समझदारी और सहभागिता का त्योहार है। आज मीडिया तकनीकि के प्रगति के द्वारा हम एक-दूसरे के निकट महसूस तो करते हैं पर सच में आपसी समझदारी और सहभागिता छिछला ही जान पड़ता है।"
उन्होंने कहा, "एकता ईश्वर की आत्मा का एक वरदान है जो मानव को एक नया ह्रदय और नयी भाषा प्रदान करता और उसे संचार करने की एक नयी शक्ति प्रदान करता है। यही पेन्तेकोस्त है।"
संत पापा ने कहा, कि येसु ने हमसे कहा, "जब वह सत्य का आत्मा आ जायेगा तो वह तुम्हें सत्य के बारे में सब कुछ बतला देगा।पवित्र आत्मा के बारे में बातें करते हुए येसु हमें इस बात को बतलाना चाहते हैं कि कलीसिया क्या है और ख्रीस्तीय होने का क्या अभिप्राय है? येसु के अनुसार ‘ख्रीस्तीय’ होने का अर्थ है पूरी कलीसिया को अपने दिल से स्वीकार करना ताकि हम पूर्णरूपेण ख्रीस्तीय के समान सोचें, बोलें और व्यवहार करें।"
संत पापा ने कहा, "इस कार्य में सत्य और एकता का पवित्र आत्मा लोगों के मन और दिल में कार्य करेगा, उन्हें प्रोत्साहन देगा ताकि वे एक-दूसरे को स्वागत कर सकें।"
संत पापा ने कहा, "जब लोग ‘ईश्वर’ बनना चाहते हैं तब आपसी झगड़ों के कारण उनका अंत हो जाता है। पर जब वे अपने आपको ईश्वरीय सत्य को समर्पित कर देते हैं तो आत्मा उनका साथ देता है और वे एकता के सूत्र में बँध जाते हैं।"









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