पेशावर, 23 मई सन् 2012 (ऊका): पाकिस्तान के पेशावर में 160 वर्ष प्राचीन हिन्दु मन्दिर
पर हुए आक्रमण के बाद यहाँ के हिन्दु समुदाय ने, मंगलवार को, अपनी सुरक्षा पर आशंकाएँ
व्यक्त की।
रविवार को गोरखतरी स्थित गोरखनाथ मन्दिर में कुछ दस लोगों ने तोड़
फोड़ मचाई। इस समय मन्दिर में किसी के भी प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
मन्दिर
की देखरेख करनेवाले रमेश लाल ने बताया कि शिव मूर्ति ग़ायब है तथा छः देवी देवताओं की
प्रतिमाएँ एवं तस्वीरें आग में भस्म हो गई हैं। उन्होंने कहा कि मन्दिर पर आक्रमण दंगे
भड़काने का बहाना हो सकता है इसलिये वे अपने लोगों से शान्ति बनाये रखने का आग्रह कर
रहे हैं।
स्थानीय हिन्दु परिषद के एक सदस्य ने बताया कि पाकिस्तान में आत्मघाती
बम एक सामान्य बात हो गई है इसलिये वे किसी भी प्रकार के प्रदर्शनों का आयोजन नहीं करते
हैं।
हिन्दुओं एवं पुरातत्व विभाग के बीच विगत 60 वर्षों तक चले कानूनी विवाद
के बाद विगत अक्टूबर माह में ही हिन्दुओं को गोरखनाथ मन्दिर का मालिकाना हक मिल पाया
था। पुरातत्व विभाग के अनुसार मुगलों के ज़माने में निर्मित यह मन्दिर महत्वपूर्ण ऐतिहासिक
स्थल है।
हिन्दुओं का मानना है कि उनकी कानूनी विजय का बदला लेने के लिये ही
मन्दिर पर हमला किया गया। उन्होंने आरोप भी लगाया कि अधिकारी उनकी सुरक्षा के लिये पर्याप्त
उपाय नहीं कर रहे हैं।