लाओसः लाओस में क्रूस एवं ख्रीस्तीय सन्देश प्रचार पर लगी पाबन्दी
लाओस, 22 मई सन् 2012 (ऊका): लाओस के सावनाखेत प्रान्त के फिन ज़िले में अधिकारियों ने
क्रूस की प्रतिमाओं एवं ख्रीस्तीय सन्देश के प्रचार पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।
ऊका
समाचार के अनुसार 11 मई को ज़िला अधिकारियों ने कलीसिया के दो प्रमुख नेताओं को ज़िला
कार्यालय में बुलाया तथा उनसे धार्मिक स्वतंत्रता पर बातचीत की।
बताया जाता है
कि बातचीत के दौरान पास्टर बोनलार्द तथा पास्टर अदान्ग से विदेशों से मिलनेवाली मदद के
बारे में पूछा गया। यह जानने की कोशिश की गई की विदेशी धन से फिन ज़िले में गिरजाघरों
के निर्माण की योजना तो नहीं बनाई जा रही।
धर्मप्रचार के सन्दर्भ में ज़िला अधिकारियों
ने कड़े आदेश दे दिये हैं कि किसी भी रूप में ख्रीस्तीय धर्म का प्रचार न किया जाये क्योंकि
अधिकाधिक लोग खीस्तीय धर्म के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। कलीसियाई नेताओं का कहना है
कि उनके कल्याणकारी कार्यों और निःस्वार्थ सेवा से प्रभावित होकर लाओस के लोगों ने ख्रीस्तीय
धर्म का आलिंगन किया है।
धर्म प्रचार पर पाबन्दी लगाने के अतिरिक्त ज़िला अधिकारियों
ने सभी ख्रीस्तीय संस्थाओं एवं आवासों में लगी क्रूस की प्रतिमाओं को हटाने का भी आदेश
दे दिया है। मानवाधिकार संगठनों ने ज़िला अधिकारियों की इस कार्रवाई पर रोष जताया है
तथा स्मरण दिलाया है कि अन्य धर्मों के विभिन्न प्रतीकों के समान ही क्रूस भी ख्रीस्तीय
धर्म का प्रतीक है जिसपर पाबन्दी लगाना सरासर अन्याय है।