स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना के पाठ से पूर्व संत पापा द्वारा दिया गया संदेश
वाटिकन सिटी 21 मई 2012 (सेदोक एशिया न्यूज) श्रोताओ संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें
ने रविवार 20 मई के संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये लगभग 20 हजार
तीर्थयात्रियों के साथ स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया। इससे पूर्व उन्होंने
इताली भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
प्रेरित
चरित के अनुसार पुनरूत्थान के 40 दिन बाद येसु स्वर्ग में आरोहित कर लिये गये, वे पिता
के पास लौट गये जहाँ से वे संसार के लिए भेजे गये थे। अनेक देशों में इस रहस्य का त्योहार
गुरूवार को नहीं लेकिन आज रविवार को मनाया जा रहा है। प्रभु का स्वर्गारोहण, देहधारण
से आरम्भ हुए मुक्ति की परिपूर्णता है। येसु अपने शिष्यों के साथ अंतिम बार बातें करते
हुए स्वर्ग में आरोहित कर लिये गये। येसु वस्तुतः, अपनी मानवता में, मानवजाति को
अपने साथ पिता के साथ घनिष्ठता की ओर ले चले और इस तरह हमारी पार्थिव तीर्थयात्रा की
अंतिम नियति को प्रकट किया। जिस प्रकार वे स्वर्ग से हमारे लिए धरती पर आये, और हमारे
लिए दुःख सहे, क्रूस पर मरे, जी उठे तथा स्वर्ग में पिता के पास आरोहित कर लिए गये, वे
हमसे दूर नहीं हैं लेकिन हमारे ईश्वर, हमारे पिता हैं। स्वर्गारोहण, पाप की दासता
से मुक्त होने के लिए, अंतिम कृत्य है जैसा कि प्रेरित संत पौलुस लिखते हैं- वह ऊँचाई
पर चढा और बन्दियों को ले गया। उसने मनुष्यों को दान दिये। संत लियो महान कहते हैं कि
इस रहस्य के साथ न केवल आत्मा की अनश्वरता की घोषणा की जाती है लेकिन शरीर की भी। आज
वास्तव में न केवल हमारे लिए स्वर्ग की पुष्टि की जाती है लेकिन ख्रीस्त में हम स्वर्ग
की ऊँचाईयों तक प्रवेश करते हैं। इसी कारण से, शिष्यों ने देखा कि प्रभु जमीन से ऊपर
उठाये जा रहे हैं और वे बहुत आनन्दित थे तथा अत्यंत हर्षित भाव से मृत्यु पर ख्रीस्त
की विजय की उदघोषणा करने को महसूस कर रहे थे। पुर्नजीर्वित ख्रीस्त उनके साथ काम कर रह
थे हर एक जन की योग्यता के अनुसार कैरिज्म दे रहे थे। प्रेरित संत पौलुस आगे लिखते
हैं- उन्होंने कुछ लोगों को प्रेरित कुछ को नबी, कुछ को सुसमाचार प्रचारक और कुछ को चरवाहे
तथा आचार्य होने का वरदान दिया। इस प्रकार उन्होंने सेवा कार्य के लिए सन्तों को नियुक्त
किया जिससे मसीह के शरीर का निर्माण तब तक होता रहे जब तक हम विश्वास तथा ईश्वर के पुत्र
के ज्ञान में एक नहीं हो जायें और मसीह की परिपूर्णता के अनुसार पूर्ण मनुष्यत्व प्राप्त
न कर लें।
प्रिय मित्रो, स्वर्गारोहण हमें बताता है कि ख्रीस्त में हमारी मानवता
ईश्वर की ऊँचाई तक उठायी गयी है ताकि जब भी हम प्रार्थना करते हैं धरती आसमान से मिलती
है। और जैसा की धुँअन जलाने से यह धुआँ के साथ सुगंध लाता है उसी प्रकार जब हम ख्रीस्त
पर भरोसा करते हुए गहन प्रार्थना प्रभु को अर्पित करते हैं तो यह स्वर्ग में ईश्वर के
सिंहासन तक पहुंचती है और उनके द्वारा सुनकर हमारी प्रार्थना का जवाब मिलता है। क्रूस
के संत योहन के प्रसिद्ध काम में कार्मेल पर्वत पर आरोहण में हम पढ़ते हैं कि हमारे दिल
की इच्छा को साकार होने के लिए इससे अच्छा और कोई रास्ता नहीं है कि हमारी प्रार्थना
की शक्ति को उसमें लगायें जो ईश्वर को प्रिय है ताकि जो हम माँगते हैं वे केवल वही नहीं
देंगे अपितु मुक्ति भी क्योंकि जो हमारे लिए सुविधाजनक और कल्याणकारी है, वे दोनों को
देखते हैं।
अंततः हम कुँवारी माता मरिया की शरण में आते हैं ताकि स्वर्गिक वस्तुओं
पर मनन चिंतन करने के लिए वे हमारी सहायता करें जिसे प्रभु हमें देने की प्रतिज्ञा करते
हैं और हम जीवित ईश्वर के पुनरूत्थान और सच्चे जीवन के और अधिक निष्ठावान साक्षी बनें।
इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया
और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।