रोम, 19 मई, 2012 (वीआर, अंग्रेजी) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने बुधवार 16 मई को माता
मरिया के जीवन पर निर्मित फिल्म ‘मेरी ऑफ नाज़रेथ’ देखी।
फिल्म के बारे में बोलते
हुए संत पापा ने कहा, "किसी भी माँ के चरित्र को फिल्म के ज़रिये प्रस्तुत करना आसान
कार्य नहीं है और अगर यह येसु की माता हो तो यह तो और भी चुनौतिपूर्ण है।"
मानव
बने ईशपुत्र येसु की माता के जीवन पर फिल्म बनाने के लिये संत पापा ने फिल्म निर्माताओं
के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
संत पापा ने कहा, "माता मरिया चाहती थी कि वह
अपने पुत्र येसु को अपने साथ रखे पर उन्हें मालूम था कि वे ईश्वर हैं। इसलिये उन्होंने
अपने प्रेम और गहरे विश्वास का परिचय देते हुए ईश्वर के मिशन को यह कहते हुए स्वीकार
किया, ‘देख मैं प्रभु की दासी हूँ और येसु के गर्भागमन से क्रूस की मृत्यु तक वफ़ादार
बनी रही।"
संत पापा ने कहा, " ‘प्रभु मैं प्रस्तुत हूँ’ कहना अपने जीवन को व्यवस्थित
करने का एक सुन्दर तरीका है। नाज़रेथ की मरिया ऐसी ‘मैं प्रस्तुत हूँ नारी हैं’ जिन्होंने
अपना सारा जीवन को ईश्वर की इच्छा के लिये समर्पित कर दिया।"
पोप ने कहा, संत
मरिया ने अपने ‘हाँ’ कहने को बार-बार दुहराया ऐसे समय में भी जब उन्होंने अपने पुत्र
येसु को दुःख में देखा और जब उन्होंने अपने पुत्र को खो दिया तब भी उनके दिल में अपार
शांति और आंतरिक खुशी थी।
विदित हो कि मेरी ऑफ नाज़रेत फ़िल्म का निर्माण अंतरराष्ट्रीय
सहयोग हुआ है।