दक्षिण सूडान के कलीसियाई नेताओं द्वारा शांति समझौते को अविलम्ब लागू करने का आग्रह
केप टाऊन दक्षिण अफ्रीका 15 मई 2012 (सीएनएस) दक्षिण सूडान के 14 काथलिक और आंगलिकन
धर्माध्यक्षों ने सब पार्टियों से आग्रह किया है कि दक्षिण सूडान के येई में 9 से 11
मई तक सम्पन्न बैठक के बाद हस्ताक्षर किये गये शांति समझौते के संकल्पों को वे अविलम्ब
लागू करें। दक्षिण सूडान के काथलिक और आंगलिकन धर्माध्यक्षों का प्रतिनिधित्व करते
हुए 14 धर्माध्यक्षों ने कहा कि दक्षिण सूडान के लोग और सरकार गहन रूप से शांति चाहते
हैं। शांति समझौते के संकल्पों में जिसमें जोंगलेई राज्य के 6 समुदायों के नेताओं ने
हस्ताक्षर किया इसमें व्यापक रूप से अनेक मुख्य मुददों पर कहा गया है, समय सीमा निर्धारित
की गयी है तथा उन्हें लागू नहीं करने से प्रतिबंध लगाये जाने की बातें भी कही गयी हैं।
धर्माध्यक्षों ने कहा है कि भडकाऊ या उत्तेजक प्रोपागंडा पर लगाये गये प्रतिबंध का
वे स्वागत करते हैं तथा सब नागरिकों की सुरक्षा के लिए सरकार के उत्तरदायित्व पर जोर
देते हैं। अप्रैल माह के अंत में हवाई बमबारी, सशस्त्र बलों की झड़पों तथा सूडान और दक्षिणी
सूडान के नेताओं द्वारा की जा रही उत्तेजक बयानबाजी के कारण युद्ध होने की संभावना से
धार्मिक नेताओं को चिंता हो गयी थी। मुख्य समस्यायें तेल उत्पादन से होनेवाले राजस्व
प्राप्ति को लेकर किये जानेवाले विवादित दावे तथा सूडान और दक्षिण सूडान के बीच अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर स्वीकृत दृढ़ अंतरराष्ट्रीय सीमा का निर्धारण नहीं होना है। दक्षिण सूडान विगत
जुलाई माह में स्वतंत्र राष्ट्र बना है। धर्माध्यक्षों ने कहा कि वे ऐसा नहीं मानते
हैं कि तबतक दीर्घकालीन शांति नहीं आयेगी जबतक सब पार्टियाँ सदइच्छा के तहत काम नहीं
करती हैं। विश्वास बनाना या भरोसा कायम किया जाना है और इसमें ईमानदारी निहित है वह कितनी
भी पीड़ादायक क्यों न हो।