2012-05-14 17:31:16

अरेत्सो में ख्रीस्तयाग के समय संत पापा के प्रवचन का सार तथा स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व दिया गया संदेश


ला प्रातो पार्क अरेत्सो इटली 14 मई 2012 (सेदोक, एशिया न्यूज) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 13 मई को इटली के टस्कनी प्रांत स्थित अरेत्सो, ला वेरना और सान सेपोलकरो शहर की एकदिवसीय प्रेरितिक यात्रा की। उन्होंने अरेत्सो नगर के ला प्रातो पार्क में आयोजित समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता की जिसमें लगभग 30 हजार विश्वासी शामिल हुए। संत पापा ने समारोही ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो
आज मैं बहुत प्राचीन चर्च का स्वागत करता हूं जो संबंधों के मामले में विशेषज्ञ है तथा ईश्वर के शहर की छवि के अनुरूप लोगों का शहर बनाने के लिए कई सदियों से समर्थन देती रही है। टस्कनी प्रांत की भूमि में अरेत्सो शहर, यहाँ के समुदाय ने स्वतंत्रता और समाज के विभिन्न कारकों के मध्य संवाद करने की क्षमता द्वारा इतिहास में अनेक बार अपनी विशिष्टता प्रदर्शित किया है। आपके मध्य पहली बार आते हुए मेरी आशा है कि यह शहर अपनी बहुमूल्य विरासत को सदैव फलप्रद बने रखने में समर्थ होगा।
ईशवचन जिसे हमने सुना है वह सबके प्रति ईश्वर के प्रेम को जीने के लिए शक्तिशाली निमंत्रण है और इसके विशिष्ट मूल्य वैल्यूज, इस भूमि की संस्कृति में सह्दयता, कमजोरों के प्रति ध्यान, सब लोगों की मर्यादा के प्रति आदर शामिल है। जो लोग हाल ही में स्वतंत्रता और काम की खोज में आपके पास आये हैं उनका स्वागत करने की आपकी क्षमता विख्यात है। निर्धनों के प्रति सह्दयता दिखाने का अर्थ है सृष्टिकर्ता ईश्वर की योजना को पहचानना और स्वीकारना जिसने हम सबको एक परिवार बनाया।
इस शहर के इतिहास में महान सांस्कृतिक जागरण वाले शख्सियतों ने जैसे फ्रांचेस्को पेटराक जुलियो वेसारी, महान संत पापा ग्रेगोरी दशम ने अपने युग की महान समस्याओं का सामना किया। उन्होंने लियोन की सभा बुलाई, पवित्र भूमि की ओर ध्यान खींचा, लोगों के मध्य शांति और मधुर संबंध के लिए कदम बढ़ाया – वे पश्चिमी जगत के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने चीन के कुबलाई खान के साथ राजदूतों के माध्यम से संबंध स्थापित किया।
यह शहर अपनी अनमोल विरासत के अनुरूप फल उत्पन्न करने में समर्थ हो तथा लोग अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लायें। समस्याओं की जटिलता वर्तमान परिस्थिति से बाहर आने के लिए त्वरित और प्रभावी समाधानों को पाने के लिए कठिन बनाती है जो विशेष रूप से समाज के सबसे कमजोर तबकों को प्रभावित करती है एवं युवाओं के लिए महान चिंता का कारण है।
बहुत प्राचीन समय से ही अन्यों के प्रति ध्यान ने कलीसिया को प्रभावित किया है कि वह जरूरतमंदों के प्रति सह्दयता के ठोस चिह्न दिखाये, संसाधनों की शेयरिंग करे, सरल जीवनशैली का प्रसार करे, सतही संस्कृति के खिलाफ जाये जिसने असंख्य लोगों को निराश कर गहन आध्यात्मिक संकट उत्पन्न किया है।
असीसी के संत फ्रांसिस के उत्तम साक्ष्य द्वारा धर्मप्रांतीय चर्च समृद्ध होकर जरूरतमंदों के प्रति सचेत और दयालु बना रहे तथा केवल भौतिकतावादी विचारधाराओं से परे जाना सिखाये जो बहुधा हमारे युग पर हावी है तथा सह्दयता और परोपकार संबंधी हमारी भावनाओं पर संदेह का बादल लाता है।
कमजोर लोगों की देखभाल करने के द्वारा ईश्वर के प्रेम का साक्ष्य देना, जीवन के प्रथम क्षण से प्राकृतिक मृत्यु तक मानव जीवन की रक्षा से जुड़ा है। आपके क्षेत्र में हर व्यक्ति की मर्यादा, स्वास्थ्य तथा मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करना, अहस्तांतरणीय भलाई समझा जाता है। परिवार की रक्षा, वैध कानूनों के द्वारा कमजोरतम तत्वों की रक्षा सदैव महत्वपूर्ण बिन्दु रहा है जो समाज की संरचना को मजबूत बनाते तथा भविष्य के लिए आशा प्रदान करते हैं।
आप येसु की शिक्षा, आपके संतों के उत्कृष्ट उदाहरण तथा आपके लोगों की परम्परा के अनुसार ईश्वर और लोगों की सेवा करना जारी रखें। सांत्वनादायी कुँवारी माता मरियम जिसे आप प्यार करते तथा आराधना करते हैं उनका ममतामयी संरक्षण आपके साथ रहे तथा वे आपके काम में आपकी सहायता करें।
ख्रीस्तयाग समारोह के अंत में संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व उपस्थित विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए कहा-

अतिप्रिय भाईयो और बहनो,

इस पूजनधर्मविधि समारोह के अंत में, स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ करने की घड़ी हमें आमंत्रित करती है कि हम सब लोगों को आध्यात्मिक रूप से सांत्वनादायी माँ मरियम की प्रतिमा के सामने लायें जो इस महागिरजाघर में रखी गयी हैं।
कलीसिया की माँ के रूप में मरियम अपनी संतान को पीड़ा और कठिनाई के समय में हमेशा सांत्वना देना चाहती है। इस शहर ने अनेक बार माँ मरिया की ममता और सुरक्षा को महसूस किया है। इसलिए आज भी हम आपके समुदाय के हर व्यक्ति और परिवार को उनकी मध्यस्थता के सिपुर्द करते हैं जो आज बहुत जरूरतमंद परिस्थिति में हैं।

माँ मरियम की मध्यस्थता से हम ईश्वर से नैतिक सांत्वना के लिए प्रार्थना करते हैं ताकि अरेत्सो समुदाय और सम्पूर्ण इटली, निराशा के प्रलोभन का जवाब दे तथा अपनी महान मानवतावादी परम्परा से बल पाकर मजबूत बने, निर्णायक रूप से आध्यात्मिक और नैतिक नवीनीकरण के पथ को चुने, यही एकमात्र रास्ता है जो सामाजिक और नागरिक जीवन में यथार्थ सुधार की ओर ले जा सकता है।

इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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