परमधर्मपीठीय संत जोसेफ स्पानी महाविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए संत पापा का संदेश
वाटिकन सिटी 10 मई 2012 (सेदोक वी आर वर्ल्ड ) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने गुरूवार
को वाटिकन स्थित क्लेंमेंतीन सभागार में रोम स्थित स्पानी कोलेज ओफ सेंट जोसेफ की 50
वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में महाविद्यालय के लगभग 150 विद्यार्थियों प्राध्यापकों और
स्टाफ के साथ मुलाकात किया। उन्होंने 19 वीं सदी में स्थापित इस महाविद्यालय से अध्ययन
कर चुके हजारों पुरोहितों का स्मरण किया तथा रोम के विया दी तोरे रोस्सा में स्थित विभाग
की 50 वर्षगाँठ के अवसर पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। संत पापा ने अविला के संत जोन
का विशेष रूप से उल्लेख किया जिनका पूजनधर्मविधि स्मरण 10 मई को किया जाता है। उन्होंने
स्मरण किया कि इस संत को वे कलीसिया के धर्माचार्य घोषित करेंगे। संत पापा ने उपस्थित
विद्यार्थियों और अधिकारियों को स्मरण कराया कि पुरोहितों का प्रशिक्षण हमेशा कलीसिया
की उच्च प्राथमिकता रही है। पुरोहित अपने जीवन का नवीनीकरण करने एवं अपनी प्रेरिताई के
लिए ईशवचन पर मनन चिंतन करते हुए तथा ईश्वर के साथ वार्तालाप करते हुए शक्ति पाते हैं।
संत पापा ने कहा कि यदि आप उन्हें पहले अपनी सतत और गहन प्रार्थना में नहीं पाते हैं
तो ख्रीस्त को अपने बंधुओं तक नहीं ले जा सकेंगे या आप उन्हें गरीबों या बीमारों में
नहीं पा सकेंगे। संत पापा ने पौरोहितिक आध्यात्मिकता की नींव निरूपित करते हुए ख्रीस्त
के साथ निजी संबंध बनाने एवं इसका प्रसार करने की जरूरत पर जोर दिया। ख्रीस्त के साथ
संबंध जिसकी पुरोहित उदघोषणा करता, समारोह मनाता तथा दूसरों को बताता है।