बिहार के बाल स्वास्थ्य चिकित्सा सेवा मोडल की सराहना
दिल्ली 9 मई 2012 (ऊकान) ऊकान समाचार सेवा के एक समाचार में भारत के बिहार राज्य में
बच्चों की स्वास्थ्य सेवा संबंधी माडल की सराहना की गयी है तथापि 80 अल्प विकसित देशों
की सूची में मातृ चिकित्सा सेवा के मामले में सबसे खराब स्थितिवाले देशों में भारत को
चौथे स्थान पर रखा गया है। गैर सरकारी संस्था सेव दे चिल्ड्रन संगठन द्वारा विश्व
भर में माताओं की चिकित्सा सेवा संबंधी वार्षिक रिपोर्ट में बच्चों के लिए विटामीन ए
की कमी को दूर करने के लिए बिहार में चलाये जा रहे कार्यक्रमों की सराहना की गयी है।
संस्था द्वारा दिल्ली में जारी की गयी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण
भारत में 62 प्रतिशत छोटे बच्चे विटामिन ए की कमी के दुष्प्रभावों से प्रभावित होते हैं,
इस कमी को दूर करने के लिए बिहार राज्य सबसे अग्रणी है। सन 2009 में बिहार राज्य
में विटामिन ए सप्लीमेंट प्रोग्राम द्वारा 5 वर्ष से कम आयु के 13.4 मिलियन बच्चों तक
पहुँचा गया। इस आयु वर्ग के 95 फीसदी बच्चों को विटामीन ए की कमी से होनेवाले हानिकारक
दुष्प्रभावों से बचाया गया जबकि राष्ट्रीय औसत लगभग 34 फीसदी है। बिहार राज्य के
उक्त कार्यक्रम में लगभग 11 हजार चिकित्सा केन्द्रों तथा 80 हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों
ने विटामिन ए सप्लीमेंट के वितरण में सहयोग किया। इसके अतिरिक्त 3 हजार 4 सौ अस्थायी
शिविरों द्वारा दूरस्थ स्थलों में अलग थलग रहनेवाले समुदायों तक विटामीन ए सप्लीमेंट
पहुँचाया गया।