धर्मशिक्षा पर आयोजित यूरोपीय कांग्रेस युवाओं पर केन्द्रित
रोम 7 मई 2012 (जेनिथ) काथलिक धर्म में बढ़ने के लिए युवाओं की सहायता करने हेतु नयी
और रचनात्मक उपायों की खोज नवीन सुसमाचार प्रसार का भाग होने का आह्वान है। धर्मशिक्षा
पर आयोजित यूरोपीय कांग्रेस का लक्ष्य है आगामी विश्वास के वर्ष के संदर्भ में 7 से 16
वर्ष के युवाओं के सुसमाचारीकरण पर चिंतन करना। इस सम्मेलन का आयोजन “Catechesis, School
and University” Commission, के द्वारा तथा इसका प्रसार यूरोपीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों
की समिति(CCEE) द्वारा किया जा रहा है। सम्मेलन में लगभग 70 प्रतिभागी शामिल हो रहे
हैं जो यूरोपीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के तहत विभिन्न समूहों या विभागों में धर्मशिक्षा
की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार है। वेस्टमिनस्टर के महाधर्माध्यक्ष विन्सेंट
निकोलस ने सम्मेलन के उदघाटन सत्र में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कलीसिया
सचेत है कि उसका आह्वान नवीन सुसमाचार प्रसार में शामिल होने के लिए किया जा रहा है।
यह नया है क्योंकि यहाँ ताजा उत्साह और कल्पनाशीलता की जरूरत है तथा अनेक लोग हैं जिन्होंने
सुसमाचार के निमंत्रण को कभी सुना नहीं है। यूरोप को इस नवीकृत सुसमाचारीकरण की विशिष्ट
जरूरत है। यूरोप में सुसमाचार के बुलावे तथा दूसरी ओर ऐसी जीवन शैली की पुकार है जिसमें
ईश्वर की सच्चाई का कोई संदर्भ नहीं दिया जाता है। इस प्रसंग में युवा विभिन्न परिस्थितियों
का सामना कर रहे हैं। महाधर्माध्यक्ष निकोलस ने कहा कि अनेक युवाओं में उदारता, आशा
का भाव तथा अपने अनुभवों और अस्तित्व संबंधी उददेश्यों की खोज करने की इच्छा है। ये आकांक्षाएँ
हम सबके लिए महान आशा के स्रोत हैं। इसलिए हमारी शिक्षाओं में मानवता संबंधी व्यक्त सच्चाईयाँ
उपहार समान हैं, वे वस्तुतः वैध और टिकाऊ हैं।