वाटिकन सिटी, 5 मई, 2012 (न्यूज़.वा) वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक फादर फेदेरिको
लोमबारदी ने संत पापा की बातों पर बल देते हुए कहा, "प्रेम बिना विज्ञान अपनी महानता
खो देता है।"
वाटिकन प्रवक्ता ने उक्त बात उस समय कही जब वाटिकन टेलेविज़न के
साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’ में उन्होंने रोम में अवस्थित ‘यूनिवर्सिटी ऑफ सेक्रेड
हार्ट’ के ‘फैकल्टी ऑफ मेडीसिन’ में संत पापा के दिये गये संबोधन पर टिप्पणी की।
जेस्विट
फादर लोमबारदी ने कहा इस क्षेत्र में एक स्पष्ट और ठोस जवाब की ज़रूरत थी और संत पापा
का जवाब उसी आशा के अनुरूप सटीक और मार्मिक था।
उन्होंने कहा, "संत पापा ने फिर
एक बार बुद्धि में आस्था और विवेक में अपना भरोसा दिखलाया है। ख्रीस्तीयता ‘लोगोस’ अर्थात्
विवेक का धर्म है पर यह तर्कहीन विश्वास के दायरे को दरकिनार नहीं करता पर सत्यता के
आरंभ और अर्थ को पूर्ण रूप में देखने का प्रयास करता है, जिसे ‘सकारात्मक चेतना’ कहा
जा सकता है।"
फादर लोमबारदी ने कहा "विश्वास और विवेक से दोनों का विकास होता
है जबकि दोनों को अलग करने से नैतिकता कमजोर होती है जो नैतिक अच्छाई और मानव हित को
परिभाषिक से पूर्ण करना असंभव कर देती है।"
वाटिकन प्रवक्ता ने कहा "संत पापा
ने कहा यद्यपि विज्ञान और मेडिकल शोध सीधे रूप से मानव के हित के लिये करते हैं इसलिये
यह ज़रूरी है कि उनके लिये प्रेम का निर्देशन हो।"
उन्होंने कहा "यह मानव के
ज्ञान का विकास और मानव जीवन के हित के कार्य करने के बीच गहरा संबंध है। इस लिये यह
भी कहा जा सकता है कि बुद्धि और ह्रदय् के प्रति समर्पित होना, ईश्वर की दया और मृत्यु
पर विजयी होने का चिह्न है।"