नई दिल्ली, 5 मई, 2012 (कैथन्यूज़) नैशनल कौंसिल ऑफ चर्चेस (एनसीसीआई) ने देश की राजनीतिक
पार्टियों से इस बात की जोरदार अपील की है कि भारत का अगला राष्ट्रपति एक ख्रीस्तीय हो।
एनसीसीआई ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "ईसाई समुदाय को अबतक जानबूझकर तो नज़रअंदाज़
नहीं किया गया है इस लिये हम सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हैं कि वे इस ऋण को
चुकायें और एक ईसाई को भारत का अगला राष्ट्रपति बनायें।"
विदित हो कि एनसीसीआई
भारत के 13 मिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। अखिल भारतीय ख्रीस्तीय समिति ने कहा
है कि भारत में जनसंख्या के हिसाब से ख्रीस्तीय द्वितीय अल्पसंख्यक है पर 65 साल के इतिहास
में ईसाई समुदाय से किसी को भी राष्ट्रपति बनने का अवसर नहीं दिया गया है।
अन्य
अल्पसंख्यक समुदाय जैसे सिक्ख और मुस्लिम समुदाय से राष्ट्रपति बनाये जा चुके हैं।
वक्तव्य
में यह भी कहा गया है, "हम इस बात को बतलाना चाहते हैं कि ईसाई राष्ट्रपति बनाये जाने
से अंतरराष्ट्रीय समुदायों के बीच भारतीय प्रशासनिक प्रक्रिया के प्रति विश्वसनीयता निश्चिय
ही बढ़ेगी।"
भारत देश के लिये यह एक सुनहला मौका होगा जब वह ख्रीस्तीय समुदाय
द्वारा किये जा रहे शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यों के महत्त्वपूर्ण योगदानों के
लिये ख्रीस्तीय समुदाय से एक राष्ट्रपति को देकर उन्हें मान्यता प्रदान करे।