सन्त जेम्स या सन्त याकूब पवित्र धर्मग्रन्थ बाईबिल
में निहित प्रथम पत्र के लेखक हैं। वे क्लेओफस निवासी आलफेयुस के सुपुत्र थे। उनकी माता
मरियम, पवित्र कुँवारी मरियम की रिश्तेदार थीं और इसी कारण यहूदी परम्परा में उन्हें
कभी कभी प्रभु येसु मसीह के भाई कहा जाता है। जैरूसालेम के आरम्भिक ख्रीस्तीय समुदाय
में सन्त जेम्स की ख़ास जगह थी तथा सन् 50 के दशक में वे जैरूसालेम के प्रथम धर्माध्यक्ष
भी थे।
बाईबिल धर्मग्रन्थ में निहित सन्त याकूब का पत्र निश्चित्त रूप से प्राचीन
है, किन्तु इसका रचयिता अज्ञात है। यह पत्र ईसा सम्बन्धी है तथा प्रथम ईसाई महासभा के
समय जैरूसालेम की कलीसिया के धर्माध्यक्ष सन्त याकूब के नाम पर प्राचीन काल से प्रचलित
है। सम्भवतः इसकी रचना सन्त याकूब के प्रवचनों के आधार पर सन् 80 ई. के आसपास की गयी
थी।
सन्त पौल हमें बताते हैं कि सन्त जेम्स या याकूब प्रभु येसु ख्रीस्त के पुनःरुत्थान
के गवाहों में से एक थे; वे कलीसिया के स्तम्भ थे जिनसे सन्त पौल ने सुसमाचार पर परामर्श
मांगा था। इतिहासकार यूसेबियुस तथा हेगेसिपुस के अनुसार सन् 62 ई. में सन्त जेम्स ने
विश्वास के ख़ातिर अपने प्राण न्यौछावर कर दिये थे तथा कलीसिया के शहीद रूप में प्रतिष्ठापित
हैं। सन्त जेम्स का पर्व 03 मई को मनाया जाता है।
चिन्तनः भाई और पड़ोसी
की सेवा को समर्पित रहकर हम भी अपने विश्वास का साक्ष्य प्रदान करें।