कर्नाटक, 30 अप्रैल, 2012 (कैथन्यूज़) कर्नाटक के राज्यपाल ने इस बाता आश्वासन दिया है
कि वे धार्मिक स्थलों को सुरक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यक समुदायों
पर हिंसा और उनके पूजा स्थलों की क्षति संविधान की क्षति है।"
कर्नाटक के राज्यपाल
हंसराज भारद्वज ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने बंगलोर में आयोजित ‘नैशनल कौंसिल
ऑफ चर्चेस इन इंडिया’ (एनसीसीआई) के 27वें अधिवेशन में उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, "संविधान ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की गारंटी है।
विदित हो कि सन् 2008 में हिन्दु अतिवादियों ने कर्नाटक में चर्चों पर लगातार हमले किये
थे। राज्यपाल भारद्वज ने कहा कि "चर्च ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के लिये आशा का प्रतीक
है।"
इस अवसर पर उपस्थित एनसीसीआई के अध्यक्ष मेथोडिस्ट धर्माध्यक्ष तारानाथ
सागर ने कलीसिया के सदस्यों से अपील की है कि घर में बैठकर ईशशास्त्र की चर्चा करने के
बदले आम लोगों और सृष्टि की पुकार को सुनें और उनके दुःखों और संघर्षों के सहभागी बनें।
उन्होंने कहा, "अन्याय को हमारे समाज से निकाल बाहर करना है और उनके साथ किसी
प्रकार का समझौता नहीं करना चाहिये क्योंकि बाइबल हमें ऐसा करने का बल प्रदान करता है।"
अधिवेशन
में उपस्थित विभिन्न कलीसियाओं के 400 प्रतिनिधियों को धर्माध्यक्ष ने कहा "येसु मसीह
के नाम पर हमारा यह दायित्व है कि हमें सामाजिक न्याय, शांति पारदर्शिता और लेखादेयता
के प्रति समर्पित रहें। इनके प्रति समर्पित होने से ही हम येसु के सच्चे अनुयायी कहला
सकते हैं।"
विदित हो कि 24 से 28 अप्रैल तक एनसीसीआई की आम सभा में 30 प्रोटेस्टंट
और ऑर्थोडॉक्स कलीसिया सहित 50 विभिन्न संगठनों ने हिस्सा लिया।