नई, दिल्ली, 21 अप्रैल, 2012 (कैथन्यूज़) नैतिक धर्मशास्त्र विद्वान जेस्विट फादर आरोक्यस्वामी
सूसई की मृत्यु दिल्ली के एक अस्पताल में 20 अप्रैल शुक्रवार प्रातः 10 बजे हो गयी। वे
75 वर्ष के थे। फेफड़े और ह्रदय की बीमारी के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया
था।
साउथ एशिया के जेस्विट प्रोविन्शियल (पोसा) फादर एडवर्ड मुदावास्सेरि ने
जानकारी दी कि फादर सूसई ने अंतमलन संस्कार ग्रहण किया और अंतिम साँस ली। फादर एडवर्ड
ने कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से वे दुःखी हैं।
जेस्विट मासिक ‘जीवन’ के सम्पादक
फादर जो. अंतोनी ने कहा, "फादर सूसई ने विश्वास और नैतिक मामलों में काथलिक धर्माध्यक्षीय
समिति के सलाहकार रूप में बर्षों तक अपना बहूमूल्य योगदान दिया।"
उन्होंने कहा,
"उनकी मृत्यु से पूरे भारत में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत पुरोहितों और धर्मबहनों
को गहरा आघात पहुँचा है क्योंकि फादर सूसूई अपने विद्यार्थियों के बीच बहुत लोकप्रिय
रहे।"
फादर सूसई दिल्ली में अवस्थित जेस्विट ईशशास्र महाविद्यालय ‘विद्याज्योति’
के सेवानिवृत्त अध्यापक थे।
आपका जन्म 6 अगस्त सन् 1937 ईस्वीम में हुआ था और
आपने सन् 1957 ईस्वी में येसु समाज में प्रवेश किया और सन् 1971 में पुरोहित अभिषिक्त
हुए।
फादर सूसई की मृत्यु की ख़बर पाकर सीबीसीआई प्रवक्ता बाबू जोसेफ ने कहा,
"फादर सूसई की मृत्यु से काथलिक कलीसिया ने ईशशास्त्र के एक उत्कृष्ट विद्वान और सौम्य
व्यक्तित्ववाले पुरोहित को खो दिया है।
फादर सूसई की अंतिम क्रिया दिल्ली में
शनिवार 21 अप्रैल अपराह्न चार बजे कर दी गयी।