वाटिकन सिटीः दो सन्तों पर मनन कर सन्त पापा ने 85 वाँ जन्मदिन मनाया
वाटिकन सिटी, 17 अप्रैल सन् 2012 (सेदोक): वाटिकन स्थित पौलीन आराधनालय में ख्रीस्तयाग
अर्पित कर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, सोमवार 16 अप्रैल को, अपना 85 वाँ जन्म दिन
मनाया। इस समारोह में जर्मनी के बवेरिया प्रान्त के प्रशासनाधिकरियों तथा काथलिक धर्माध्यक्षों
ने भी भाग लिया।
ख्रीस्तयाग के समय प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने फ्राँस के लूर्द
नगर में मरियम दर्शन पानेवाली सन्त बेरनाडेट तथा 19 वीँ शताब्दी के भिक्षु एवं तीर्थयात्री
सन्त बेनेडिक्ट जोसफ लाब्रे पर चिन्तन किया।
16 अप्रैल को ही काथलिक कलीसिया
सन्त बरनाडेट का पर्व मनाती है। सन्त पापा ने कहा कि हृदय की शुद्धता के कारण बेरनाडेट
ईश्वर की दयालुता का अनुभव कर सकी तथा माँ मरियम के दर्शन पा सकीं। उन्होंने कहा कि मरियम
ने एक नन्हीं बच्ची के बेदाग एवं निर्मल हृदय को दर्शन दिये तथा शताब्दियों के परे सब
युगों के लोगों के लिये अपना सन्देश उच्चरित किया।
सन्त पापा ने कहा कि बेरनाडेट
उनके लिये सदैव एक चिन्ह रही हैं। उन्होंने कहा कि बेरनाडेट का जीवन हमें दर्शाता है
प्रभु के दर्शन के लिये विनम्रता तथा सादगी सहित मन की आँखों को खोलना पड़ता है। उन्होंने
कहा कि माँ मरियम ने बेरनाडेट को जीवन्त एवं निर्मल जल के स्रोत की ओर इशारा किया था
जो पापरहित मानव के शुद्ध जीवन का प्रतीक है।
प्रभु ख्रीस्त की ज्योति में
विश्वास परामर्श दे सन्त पापा ने कहा, "पुनर्जीवित ख्रीस्त का प्रकाश हमें आगे बढ़ने
की शक्ति देता है।" उन्होंने कहा कि इसी विश्वास के बल पर 19 वीं शताब्दी के भिक्षु बेनेडिक्ट
लाब्रे अपनी तीर्थयात्राओं पर दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ते रहे थे। सन्त पापा ने कहा कि बेनेडिक्ट
लाब्रे हालांकि एक यूरोपीय सन्त थे तथापि, भ्रातृत्व के नाम पर उन्होंने, सीमाओं के परे,
सबका आलिंगन किया।
सभी से सन्त पापा ने आग्रह किया कि वे सन्त बेरनाडेट की
सादगी एवं शुद्धता को अपनाये तथा बेनेडिक्ट लाब्रे के सदृश प्रभु में अटल विश्वास द्वारा
अपने जीवन पथ पर नित्य आगे बढ़ते जायें।