गुडगांव, 14 अप्रैल, 2012 (कैथन्यूज़) दिल्ली के निकट गुड़गाँव के एक अस्पताल के बाहर
एक दम्पति ने अपने 18 महीने की एक बच्ची को छोड़ दिया। बच्ची को सिविल अस्पताल के डॉक्टरों
के हवाले कर दिया गया है। बच्ची स्वस्थ है। समाचार के अनुसार दम्पति धनी परिवार के थे।
एक
प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार बच्ची की माँ ने बच्ची को एक बुढ़िया के सामने यह कह कर छोड़
गयी कि उसे बच्ची के लिये दवाई खरीदना है और कुछ देरी के बाद बच्ची का पिता यह कहते हुए
बच्ची को छोड़ वहाँ से चल दिया कि वह कार लाने जा रहा है। जब एक घंटे के बाद भी दम्पति
वापस नहीं आये तब बच्चे को अस्पताल के हवाले कर दिया गया। अस्पताल के डॉक्टर असरुद्दीन
ने बतलाया कि बच्ची को किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है। पुलिस इस दम्पति का पता लगा
रही है।
डिप्युटी कमीशनर ऑफ पुलिस ने कहा कि बच्ची के माता-पिता का पता लगाना
इतना आसान नहीं है फिर भी उनका प्रयास जारी है।
विदित हो कि दो दिन पूर्व बंगलोर
के एक अस्पताल में अफरीन नामक बच्ची की मृत्यु हो गयी थी। बताया गया है कि उसके पिता
ने उसे सिगरेट से जलाया था और उसका गला भी घोंटने का प्रयास किया गया था।
कुछ
ही दिन पूर्व एक और बच्ची फलक की मृत्यु अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हो गयी
जिसकी मृत्यु 15 मार्च को हो गयी थी।
बताया जाता है कि उस बच्ची को अस्पताल किसी
युवा ने लाया । बच्ची को तथाकथित रूप से गर्म लोहे से जलाया गया था और उसके सिर में कुछले
जाने का निशान पाया गया था।
मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं और नारी स्वयंसेवी संगठनों
ने इस प्रकार की घटनाओं के प्रति गहरी चिन्ता व्यक्त की है।