पटियालाः पंजाब में 400 मैट्रिक टन गेहूँ सड़ने के लिये छोड़ दिया गया
पटियाला, 11 अप्रैल सन् 2012 (ऊका): पंजाब के पटियाला ज़िले के चसवाल गाँव स्थित पंजाब
एग्रो गोदाम में 442 मैट्रिक टन गेहूँ, विगत छः वर्षों से, सड़ने के लिये छोड़ दिया गया
है।
गोदाम के आसपास जीवन यापन करनेवालों ने गोदाम से बदबू आने की शिकायत की
है तथा बताया हे कि गेहूं के सड़ने से सम्पूर्ण चसवाल गाँव चूहे एवं कई प्रकार कीड़ों
के लिये प्रजनन भूमि बन गया है।
गोदाम के निकट रहनेवाले चमकौर सिंह ने कहा कि
ऐसे देश में जहाँ 25 लाख लोगों को पेट भर भोजन नहीं मिलता इस प्रकार की लापरवाही शर्म
की बात है।
सूत्रों के अनुसार, सन् 2006 के बाद से गेहूँ गोदाम में रखा हुआ है।
नाम
न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने कहा कि अधिकारियों ने गेहूँ को सुरक्षित रखने के लिये
उसपर तिरपाल डालने के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं किया।
एक अधिकारी के अनुसार,
"गेहूँ को तिरपाल से ढाँकने से अनाज और अधिक सड़ेगा, इसे सुरक्षित जगह पर ले जाना अनिवार्य
है।"
पंजाब एग्रो गोदाम की निरीक्षक कविता वालिया ने इस बात को स्वीकार किया
कि गोदाम में अनाज सड़ रहा है किन्तु उन्होंने कहा, "हमने इसकी नीलामी के लिये कई पत्र
लिखें हैं।"
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के अनुसार 2009-2010
में यह पाया गया था कि देश की आबादी का 30 प्रतिशत गरीब हैं।
संयुक्त राष्ट्र
संघीय विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार विश्व के एक तिहाई क्षुधापीड़ित भारत में जीवन
यापन करते हैं तथा 25 लाख से अधिक लोग प्रतिवर्ष भूख से मर जाते हैं।