गुजरात, 10 अप्रैल सन् 2012 (ऊका): गुजरात की एक विशिष्ट अदालत ने राज्य में 2002 के
दंगों के दौरान ओड गाँव में हुए हत्याकांड के प्रकरण में 23 व्यक्तियों को दोषी ठहराया
है। कुल मिलाकर 47 लोगों पर चार्ज शीट लगी थी जिनमें से एक की सुनवाई के दौरान मौत हो
गई थी। प्रकरण में 23 को दोषी ठहराया गया जबकि अन्य 23 को बरी कर दिया गया है।
सन्
2002 में गोधरा रेल काण्ड में 59 हिन्दू कारसेवकों की हत्या के बाद सम्पूर्ण गुजरात में
दंगे भड़क उठे थे जिनमें अधिकांश मुसलमान मारे गये थे। पहली मार्च को ओड गाँव के पिरावली
भगोल क्षेत्र स्थित एक घर में मुसलमान समुदाय के 23 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
हत्या के शिकार लोगों में नौ बच्चे एवं नौ महिलाएँ भी शामिल थीं।
ओड हत्याकाण्ड
प्रकरण की जाँच सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित विशेष जांच दल (सिट) ने की। इसका फैसला आनन्द
की ज़िला अदालत की न्यायाधीश पूनम सिंहा ने सुनाया। दोषी ठहराये गए लोगों को 12 अप्रैल
को सज़ा सुनाई जायेगी।
प्रकरण पर जाँच पड़ताल नवम्बर सन् 2009 में शुरु हुई
थी जिसमें 158 व्यक्तियों ने गवाही दी।