एडिनबरा, 10 अप्रैल सन् 2012 (सीएनए): स्कॉटलैण्ड के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल कीथ
ओब्रायन ने ईस्टर महापर्व के उपलक्ष्य में एक वकतव्य जारी कर ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों
से आग्रह किया है कि वे अपने जीवन में क्रूस को अधिकाधिक महत्व दें।
सात अप्रैल
को जारी उक्त वकतव्य में उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रभु येसु ख्रीस्त ने अन्यों सेवा
की तथा उनके लिये प्राणों की आहुति दे दी उसी प्रकार ख्रीस्तीयों को भी अन्यों की सेवा
करना चाहिये तथा प्रेम एवं सेवा के प्रतीक रूप में क्रूस का चिन्ह धारण करना चाहिये।
कार्डिनल ओब्रायन ने लिखा, "मेरी आशा है कि अधिकाधिक ख्रीस्तानुयायी, अपने विश्वास
की अभिव्यक्ति हेतु, समझदारी एवं सावधानी के साथ, क्रूस के चिन्हों को धारण करेंगे।
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अप्रैल को पास्का महापर्व के उपलक्ष्य में अर्पित ख्रीस्तयाग के अवसर पर प्रवचन करते
हुए कार्डिनल महोदय ने कहा, "पास्का, क्रूस की विजय का महापर्व है क्योंकि प्रभु ख्रीस्त
ने मृत्यु को पराजित कर अपना मिशन जारी रखने के लिये शिष्यों को जग के कोने कोने तक जाने
का आदेश दिया।"
यू.के. में ख्रीस्तीय धर्म को लेकर चल रहे विवादों के बीच कार्डिनल
महोदय ने उक्त अपील जारी की। हाल ही में दो ब्रिटिश महिलाओं को सिर्फ इसलिये नौकरी से
निकाल दिया गया था कि उन्होंने कार्यस्थल पर क्रॉस पहन रखी थी।
कार्डिनल ओब्रायन
ने उक्त प्रकरण का ज़िक्र नहीं किया किन्तु कहा कि बहुत अधिक बार येसु ख्रीस्त की शिक्षा
की अवहेलना कर दी जाती है तथा बहुत अधिक बार उन लोगों का मज़ाक उड़ाया जाता है जो ख्रीस्तीय
मूल्यों के अनुकूल जीवन यापन करना चाहते हैं।