सेओलः उत्तर एवं दक्षिण कोरिया पास्का पर प्रार्थना और पुनर्मिलन के लिये एकसाथ
सेओल, 06 अप्रैल सन् 2012 (एशियान्यूज़): उत्तरी और दक्षिणी कोरिया के लोग पास्का महापर्व
के उपलक्ष्य में प्रार्थना एवं पुनर्मिलन लिये एकजुट हुए।
कायेसोंग अन्तर-कोरियाई
क्षेत्र में, पास्का महापर्व के उपलक्ष्य में, उत्तर तथा दक्षिण कोरिया के प्रतिनिधियों
ने एक साथ मिलकर, कोरिया के एकीकरण के लिये प्रार्थना की। इस अवसर पर प्रतिनिधियों ने
विचारों का आदान प्रदान किया तथा पुनर्मिलन एवं एकता की स्थापना का मनोरथ व्यक्त किया।
सन् 2008 में परमाणु अस्त्रों के उपयोग को लेकर उत्तर कोरिया को सब तरफ से लोकोपकारी
सहायता मिलना बन्द हो गई थी। इस सहायता की पुनर्बहाली के उद्देश्य से प्योंगयांग की साम्यवादी
सरकार ने उक्त प्रार्थना एवं बैठक की अनुमति प्रदान कर दी थी।
कोरिया की नेशनल
क्रिस्टियन काऊन्सल ने रविवार ईस्टर के दिन गिरजाघरों में पढ़े जाने के लिये, एकसाथ मिलकर
सम्पन्न, प्रार्थना के पाठ को प्रकाशित कर दिया है।
कायेसोंग अन्तर-कोरियाई क्षेत्र
में सम्पन्न दोनों कोरिया के प्रतिनिधि मण्डलों ने कहा कि वे, "राजनैतिक निकायों एवं
विचारधाराओं के परे, घृणा की जगह प्रेम तथा अविश्वास की जगह विश्वास को स्थापित करना
चाहते हैं ताकि उत्तर तथा दक्षिण कोरिया एक राष्ट्र रूप में एकता एवं पुनर्मिलन के बन्धन
में बंध जायें।"
ग़ौरतलब है कि कोरियाई प्रायद्वीप के विभाजन से पूर्व उत्तर
कोरिया की राजधानी प्योंगयांग "एशिया का जैरूसालेम" कहलाता था जहाँ 410 पुरोहित एवं 500
से अधिक ख्रीस्तीय मिशनरी सेवारत थे।
प्योंगयांग की कुल आबादी का तीस प्रतिशत
काथलिक धर्मानुयायी है।
किम सूंग के शासन के अधीन विश्वासियों के विरुद्ध दमनचक्र
शुरु हुआ था जिससे देश में सब प्रकार के धार्मिक विश्वासों का अन्त कर दिया गया था।