2012-04-02 14:26:27

पुण्य शुक्रवार का चिन्तन अन्ना(83) और दिनलो (93) द्वारा


रोम, इटली 2 अप्रैल, 2012 (सीएनए) अगले पुण्य शुक्रवार को रोम में सम्पन्न होने वाले क्रूस रास्ता का चिन्तन पारिवारिक जीवन पर केन्द्रित होगा। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें की अगवाई में होने वाले इस चिन्तन को इताली दम्पति अन्ना मरिया और दनिलो ने लिखा है।
उक्त इताली दम्पति ने अपने विवाह के 50 साल पूरे कर चुके हैं। अन्ना 83 और दनिलो 93 साल का है।
सीएनए को दिये एक साक्षात्कार में अन्ना मरिया जनजुक्की ने कहा कि क्रूस रास्ता के प्रत्येक स्थान पारिवारिक जीवन के लिये बहुत ही विशेष हैं। सभी स्थानों के द्वारा येसु ने परिवार को बचाना चाहा है।क्रूस रास्ता का चिन्तन लिखते समय इसी बात ने उन्हें सब सबसे अधिक प्रभावित किया है।
उन्होंने अपने जीवन के बारे में कहा कि चिन्तन लिखते समय प्रत्येक स्थान में उन्हें जो प्रकाश प्राप्त हुआ है उसमें उनके दाम्पत्य जीवन के अनुभव से प्रेरणा मिली।
दनिलो ने पारिवारिक जीवन के अपने अनुभव के बारे में बोलते हुए कहा,"पारिवारिक और सामाजिक जीवन के नवनिर्माण में ईश्वर ही हमारी मदद करते हैं और हमें सच्चे मानव के रूप में जीने की शक्ति प्रदान करते हैं।"
उन्होंने कहा," यदि परिवार के सदस्य ईश्वर के प्रेम के कारण दूसरे को वैसा ही प्यार करते हैं जैसा कि वे स्वयं को प्यार करते हैं तो वे येसु के वचन के अनुसार चलते हैं जिसमें येसु ने कहा था कि दो या दो से अधिक मेरे नाम पर एकत्र होते हैं तो मैं उनके बीच हूँ।"
उन्होंने कहा,"दूसरों के लिये कार्य करने के लिये स्वनवनिर्माण एवं नवीनीकरण अनिवार्य है।"
अन्ना का मानना है कि पारिवारिक समस्याओं, नासझियों और मतभेदों को प्रेम के द्वारा ही सुलझाया जा सकता है। यही प्रेम हमारे आंतरिक प्रेम को नया करेगा।"
विदित हो कि अन्ना और दनिलो का विवाह सन् 1952 में हुआ और उन्होंने सन् 1967 ईस्वी से फोकोलोरे आन्दोलन के पारिवारों के नवीकरण अभियान में अपना योग दिया है।
इसके द्वारा उन्होंने यह प्रयास किया कि वे पारिवारिक एकता की आध्यात्मिकता में जीवन बितायें और परिवार के उन मूल्यों का प्रचार करें जो विश्व बंधुत्व की भावना को प्रोत्साहन देता है।
ज्ञात हो कि प्रत्येक वर्ष पुण्य शुक्रवार की संध्या को रोम के कोलोसियम में काथलिक कलीसिया की परंपरा के अनुसार क्रूस का रास्ता की धर्मविधि सम्पन्न की जाती है जिसकी अगवाई स्वयं संत पापा करते हैं।















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