2012-03-30 16:44:53

बिजनेस लीडर की बुलाहट पर कार्डिनल टर्कसन का वक्तव्य


लियोन फ्रांस 30 मार्च 2012 (सेदोक) फ्रांस के लियोन शहर में बिजनेस लीडर की बुलाहट शीर्षक से आयोजित 24 वें UNIAPAC (International Christian Union of Business Executives ) World Congress में भाग ले रहे लगभग दो हजार ईसाई बिजनेस प्रतिभागियों को न्याय और शांति संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन ने 30 मार्च को सम्बोधित करते हुए रेखांकित किया कि अनेक लोगों विशेष रूप से व्यवसाय करनेवालों को जो बात प्रभावित करती है वह है अपने विश्वास और काम को अलग-अलग करने की प्रवृत्ति। इसके परिणामस्वरूप विभाजित जीवन होने लगता है।
उन्होंने व्यवसायियों को सार्वजनिक हित के लिए पेशेवर जीवन को फलप्रद तरीके से जीने के लिए चर्च द्वारा सहायता दिये जाने की इच्छा को रेखांकित करते हुए कलीसिया की सामाजिक शिक्षा तथा इसके सिद्धान्तों को ठोस तरीके से लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बिजनेस लीडर की बुलाहट शीर्षक से आयोजित बैठक बिजनेस लीडर्स के लिए सहायक निर्देशिका बनने के उस लक्ष्य को पूरा करती है जो अपनी बुलाहट के सुसंगत उदारता के सदगुण में बढना चाहते हैं।
विगत वर्ष के चिंतन से तैयार 30 पृष्ठीय पुस्तक में वर्णित तीन भाग निर्णय प्रक्रिया के बारे में है जो एक दूसरे से जुड़ी हैं- देखना, निर्णय लेना और काम करना। देखने का अर्थ है भूंडलीकरण कम्यूनिकेशन तकनीकियाँ, वित्तीय व्यवस्था और सांस्कृतिक झुकाव के बदलावकारी विकास पर विशेष ध्यान देते हुए युग के संकेतों को पहचानना और उनकी व्याख्या करना। निर्णय लेने का अर्थ है कि उद्यमियों को तैयार करना जो व्यवसाय जगत की बिषम वास्तविकताओं के मध्य सुदृढ़ सिद्धान्तों के साथ अच्छे निर्णय लें। कलीसिया की सामाजिक शिक्षा के दो बुनियादी प्रकाश स्तंभ के समान हैं- मानव प्रतिष्ठा और जनहित। काम करने का आह्वान कार्य करने पर जोर देता है जिसमें सिद्धान्तों को दैनिक जीवन के सामान्य कार्यों के साथ मिलाते हुए जीना है।
उन्होंने कहा सृजित वस्तुएं और सेवा मानव की सच्ची जरूरतों को पूरा करे। बिजनेस लीडर वर्तमान में विद्यमान अंधकार के बावजूद आस्था की पुनर्स्थापना कर आशा जगायेंगे।








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