द्वितीय वाटिकन महासभा के आरंभ होने के पचासवें वर्षगाँठ
के अवसर पर संत पापा का वीडियो संदेश
मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, मुझे खुशी है कि आप फ्रांस के धर्माध्यक्षों के आह्वान
पर वाटिकन द्वितीय के आरंभ होने के 50वें वर्षगाँठ मनाने के लिये बड़ी संख्या में लूर्दस्
में एकत्र हुए हैं । मैं अपनी प्रार्थना के द्वारा मसाबियेले ग्रोटो के पास सम्पन्न हो
रह आपके विश्वास की यात्रा में शामिल हूँ।
द्वितीय वाटिकन महासभा हमारे लिये ईश्वरीय
कृपा का एक विशेष चिह्न रहा है। यदि हम इसका अध्ययन करें और कलीसिया की परंपरा और शिक्षण
के निर्देशन के अन्तर्गत स्वीकार करें तो यह भावी कलीसिया को एक नयी शक्ति प्रदान करेगा।
मैं विश्वास करता हूँ कि यह वर्षगाँठ समारोह फ्रांस और पूरी कलीसिया में आध्यात्मिक
और मेषपालीय नवीनीकरण लायेगा।
सचमुच, यह समय हमें यह अवसर प्रदान करता है कि हमें
उन विषयों को जाने जिन्हें महासभा के आचार्यों ने हमारे लिये एक अमूल्य धरोहर के रूप
में छोड़ दिया है। यह वह समय है जब हम इसका आत्मसात करकें और आज की कलीसिया के लिये उत्तम
फल उत्पन्न करें।
नवीनीकरण का यह समय विश्वास के वर्ष का ही एक भाग है जो एक
दूसरे रूप में हमारे लिये आया है जिसे मैं पूरी कलीसिया के लिये प्रस्तुत करना चाहता
था।
यह हमारे विश्वास को जागृत करे और सुसमाचार के साथ हमारे संबंध को गहरा करे।
इसके लिये यह ज़रूरी है कि हम येसु के प्रति खले रहें विशेष करके ईशवचन के प्रति रुचि
बढ़ायें ताकि हमारा मन दिल परिवर्तित हो और हम पूरी दुनिया में सम्मानपूर्ण वार्तामय
वातावरण में आशा के संदेश की उद्घोषणा कर सकें।
यह एक ऐसा अवसर भी हो जब काथलिक
कलीसिया जीवन मजबूत हो और द्वितीय वाटिकन महासभा का अन्तरकलीसियाई एकता सुदृढ़ करने का
जो एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य था, वह भी पूर्ण हो।
येसु द्वारा दिये गये दिव्य वचन
से प्रेरित हो ख्रीस्तीयों के जीवन कलीसिया के नवीनीकरण का साक्ष्य बने।
प्रिय
भाइयो एवं बहनो, लूर्द्स की संत बेर्नादेत्त की नम्रता और अटूट विश्वास तथा पौलिन जारीकोट
और फ्रांस के कई अन्य मिशनरियों के समान आप भी येसु के ज्ञान में बढ़ें।
इन संतों
ने हमें दिखलाया है कि विश्वास का पहलु व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों है जिसके लिये साक्ष्य
और सार्वजनिक समर्पण की आवश्यकता होती है।
आज हम जोन दि आर्क की भी याद करें
जिसका उदाहरण हमारे लिये महत्वपूर्ण है जिन्होंने ऐसे समय में सुसमाचार के प्रचार के
लिये कार्य किया जब कलीसिया कठिन दौर से गुज़र रही थी।
नये सुसमाचार के लिये
विश्वास के आनन्द और उत्साह को फिर से जागृत करने की ज़रूरत है ताकि इसके अर्थ का प्रचार
किया जा सके। पूरी कलीसिया को इस बात के लिये आमंत्रित किया जाता है कि वे निर्भीक होकर
सबों को येसु के करीब ला सकें।
प्रिय भाइयो एवं बहनो, लूर्द की निष्कलंक कुँवारी
मरियम जिसने ईश्वरीय रहस्य को पूर्ण करने में अहम भूमिका अदा की आपके लिये ज्योति का
कार्य करे ताकि आप येसु तक पहुँच सकें और अपने विश्वास में सुदृढ़ हो सकें।
अन्त
में धर्माध्यक्षो, लूर्दस के तीर्थयात्रियो, धर्मसमाजियो, धर्मबहनो और विश्वासियो को
मेरा प्यार भरा अभिवादन।