2012-03-14 13:19:15

बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा का संदेश
14 मार्च, 2012


वाटिकन सिटी, 14 मार्च, 2012(सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा - मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, ख्रीस्तीय प्रार्थना विषय की धर्मशिक्षामाला को जारी रखते हुए हम प्रेरित चरित और प्रेरित संत पौल के पत्रों पर चिन्तन करें।
आज हम प्रेरित चरित में वर्णित माता मरिया के प्रार्थनामय जीवन पर चिन्तन करें। येसु की मृत्यु के बाद माता मरिया ने प्रेरितों के साथ ऊपरवाले कमरे में पवित्र आत्मा का इन्तज़ार कर रहीं थीं।
माता मरिया के जीवन की हर घटना - ‘येसु के जन्म के संदेश से लेकर क्रूस की यात्रा और पेन्तकोस्त के समय तक’क को सुसमाचार लेखक संत लूकस ने मरिया को एक ऐसी नारी के रूप में प्रस्तुत किया है जो येसु द्वारा ईश्वर के मुक्ति की योजना के रहस्य पर मनन-चिन्तन किया करतीं थीं।
ऊपर वाले कमरे में हम पाते हैं कि माता मरिया का स्थान विशिष्ट है। माता मरिया यहाँ विश्वास और प्रेम की आदर्श और उदाहरण के रूप में प्रस्तुत की गयी है (लूमेन जेनसियुम, 53)
ईश्वर की माता और कलीसिया की माता के रूप में माता मरिया मुक्ति के सभी महत्त्वपूर्ण क्षणों में प्रार्थना करती रहीं।
आज हम अपने जीवन के प्रत्येक पल को माता मरिया के चरणों में सौंप दें और उनसे प्रार्थना करना सीखें, और उनके पुत्र येसु मसीह में एक होकर पवित्र आत्मा के आगमन के लिये प्रार्थना करें।
ऐसा करने से पवित्र आत्मा हम पर उतरेगा और हम येसु के सुसमाचार को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचा सकेंगे।
इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।
उन्होंने अमेरिका के ‘नेवल अकाडमी’, ग्रेट ब्रिटेन, आयरलैंड, नोर्वे, इंडोनेशिया, जापान और कनाडा के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।






 

 

 











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