उड़ीसाः इस वर्ष के आरम्भ से ब तक उड़ीसा में छः ख्रीस्तीयों की हत्या
उड़ीसा, 14 मार्च सन् 2012 (एशियान्यूज़): उड़ीसा में इस वर्ष के आरम्भ से अब तक छः ख्रीस्तीय
धर्मानुयायी मारे गये हैं। इस वर्ष 03 मार्च को कन्धामाल ज़िले में एंग्लिकन ख्रीस्तीय
सूर्यकान्त को मार डाला गया तथा छः मार्च को गंजम ज़िले में काथलिक धर्मानुयायी गोरेसा
मलिक को मार डाला गया।
एशियान्यूज़ से बातचीत में ग्लोबल काऊन्सल ऑफ इन्डियन
क्रिस्टियन्स के अध्यक्ष साजन के. जॉर्ज ने इन हत्याओं पर गहन चिन्ता व्यक्त की और कहा
कि सर्वाधिक दुख की बात तो यह है कि पुलिस बहुत धीमी गति से तथा लापरवाही के साथ जाँच
पड़ताल कर रही है।
श्री जॉर्ज ने कहा कि दो मार्च को, एंग्लिकन ख्रीस्तीय सूर्यकान्त,
रायका से, लापता हो गये थे तथा चार दिन बाद छः मार्च को उनका शव कुछ ही दूर पर पड़ा मिला।
उन्होंने कहा कि शव से साफ पता चलता है कि बहुत अधिक पिटाई के बाद सूर्यकान्त की मृत्यु
हो गयी। इसी प्रकार 03 मार्च को गोरेसा मालिक ने पड़ोसी गाँव के लगभग 15 हिन्दुओं से
मुलाकात की थी। कुछ पीने के बाद उनपर हमला किया गया और उनका शव जंगल में जलाकर छोड़ दिया
गया। परिवार को उनका शव दूसरे दिन मिला।
पुलिस ने हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार
कर लिया था किन्तु उन्होंने मृत पर जादू टोने का आरोप लगाकर अपने कृत्य को उचित ठहराया।
पाँच महीने पूर्व ही गोरेसा मलिक ने काथलिक धर्म अपनाया था।
श्री जॉर्ज के अनुसार
ख्रीस्तीयों पर अनवरत जारी हमलों का मुख्य कारण यह है कि सन् 2008 की ख्रीस्तीय विरोधी
हिंसा के अपराधियों को अब तक दण्डित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की निष्क्रियता
एवं लापरवाही के कारण हिन्दु चरमपंथियों का हौसला बढ़ा है जो सोचते हैं कि वे अल्पसंख्यक
ख्रीस्तीयों को जब चाहें तब डरा धमका सकते हैं।