वाटिकन सिटीः "स्वच्छ पेयजल एक मानवाधिकार", वाटिकन दस्तावेज़
वाटिकन सिटी, 13 मार्च सन् 2012 (सेदोक): वाटिकन ने अपने एक नये दस्तावेज़ में कहा है
कि शुद्ध पेयजल, बाज़ार व्यापार की वस्तु न होकर, प्रत्येक मानव व्यक्ति का मूलभूत अधिकार
है।
12 से 17 मार्च तक फ्राँस के मारसेल्स नगर में जल पर आयोजित छठवाँ विश्व
मंच जारी है। इसी की पृष्टभूमि में, वाटिकन स्थित न्याय एवं शान्ति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय
समिति ने, "जल, जीवन का अनिवार्य तत्व", शीर्षक से एक नया दस्तावेज़ लिखा है जिसकी एक
प्रति, सोमवार, 12 मार्च को वाटिकन द्वारा प्रकाशित की गई।
वाटिकन के दस्तावेज़
में कहा गया है, "दुर्भाग्यवश, जल के बारे में व्यापारिक धारणा मज़बूत है जिसके चलते
यह भ्रम उत्पन्न हो गया है कि जल भी किसी अन्य विक्रय वस्तु के ही समान है।" कहा गया
कि इसी भ्रामक धारणा के कारण, जनकल्याण हेतु जल के मूल्य को नहीं आँका जाता तथा केवल
लाभ की दृष्टि से जल संसाधनों में व्यय किया जाता है।
वाटिकन के दस्तावेज़ में
कहा गया, "मानव की प्रतिष्ठा और उसके गरिमापूर्ण अस्तित्व को दरकिनार कर, मानव व्यक्तियों
को केवल ग्राहकों के सदृश मान लिया जाता है और इसी वजह से जल एवं स्वच्छता को उपलब्ध
कराई जाती है जो इनके दाम चुकाने में समर्थ होते हैं।"
फ्राँस में जारी बैठक
में वाटिकन ने इस बात पर बल दिया है कि शुद्ध पेयजल एवं स्वच्छता के संसाधनों को सबके
लिये उपलब्ध बनाने हेतु अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर दृढ़ संकल्प, सहयोग एवं सशक्तिकरण की
नितान्त आवश्यकता है।