कोलकाता, 12 मार्च, 2012(कैथन्यूज़) में लोगों में बाईबल के प्रति जागरूकता लाने के लिये
कोलकाता में आयोजित प्रथम बाईबल शोभा यात्रा में 5000 काथलिकों ने हिस्सा लिया। कोलकाता
के महाधर्माध्यक्ष थोमस डीसूज़ा के जुलूस की अगवाई की।
शोभायात्रा के संयोजक
फादर इग्नासियुस फिलो सारतो ने बतलाया, "काथलिक अनुयायियों में बाईबल के प्रति लगाव कम
है इसलिये निश्चय ही शोभा यात्रा ने लोगो में जागरुकता लायी है और उन्होंने ईशवचन के
महत्व को समझा है।
उन्होंने बताया कि पश्चिमी बंगाल की राजधानी कोलकाता को जुलूसों
का शहर माना जाता रहा है विशेष करके मार्क्सवादियों 34 वर्षों के शासन काल को जब जुलूसों
का आयोजन होता रहा। अब वे चाहते हैं कि क्यों न बाईबल जुलूस निकाला जाये ताकि इसके द्वारा
ख्रीस्तीय विश्वास को प्रकट किया जा सके।
फादर सारतो ने बतलाया कि बाईबल जुलूस
का आयोजन वाटिकन द्वितीय का एक दस्त्तावेज़ ‘देई वेरबुम’ की याद में ‘विश्वास वर्ष’ के
अवसर पर ‘रीजनल कौंसिल ऑफ द स्मॉल क्रिश्चियन कम्युनिटीस’(एससीसी) ने इस शोभायात्रा का
आयोजन किया।
बाईबल यात्रा के बारे में बोलते हुए एक प्रतिभागी रेजीना ख़लख़ो
ने कहा कि हमें चाहिये कि हम दूसरी कलीसियाओं से बाईबल के भक्ति करना सीखें, ईश वचन को
गंभीरतापूर्वक लें और अपने घरों में उचित स्थान दें।
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल
की 92 मिलियन आबादी की सिर्फ़ 0.6 प्रतिशत जनता ख्रीस्तीय है।