वाटिकन सिटीः सन् 2012 की परमधर्मपीठीय वार्षिकी सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के समक्ष
प्रस्तुत
वाटिकन सिटी, 10 मार्च सन् 2012 (सेदोक): वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने
ने शनिवार, दस मार्च को, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के समक्ष, सन् 2012 की परमंधर्मपीठीय
वार्षिकी प्रस्तुत की।
नवीन वार्षिकी, काथलिक कलीसिया के केन्द्रीय सांख्यिकी
कार्यालय के अध्यक्ष, महाधर्माध्यक्ष वित्तोरियो फोरमेन्ती तथा उनके सहयोगियों द्वारा
तैयार की गई है। वाटिकन के मुद्रणालय द्वारा प्रकाशित परमधर्मपीठ की नई वार्षिकी के लिये
सन्त पापा ने गहन आभार व्यक्त किया है।
नई वार्षिकी के अनुसार सन् 2011 के वर्ष
में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में आठ नये काथलिक धर्मप्रान्तों
की रचना की, नौ धर्मप्रान्तों को महाधर्मप्रान्त का दर्ज़ा दिया तथा चार प्रेरितिक धर्मक्षेत्रों
एवं मिशनों की स्थापना की।
नई वार्षिकी के अनुसार सन् 2009 में, विश्व के काथलिक
धर्मानुयायियों की संख्या एक अरब 18 करोड़ 1 लाख थी जो सन् 2010 में एक अरब 19 करोड़
60 लाख दर्ज़ की गई। बताया गया कि इन दो वर्षों में उत्तरी अफ्रीका में काथलिकों की संख्या
28 प्रतिशत तक तथा यूरोप में वह 24 प्रतिशत तक घटी है। दूसरी ओर अफ्रीका के अन्य क्षेत्रों
में 15 प्रतिशत तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
सन्
2009 में विश्व के धर्माध्यक्षों की संख्या 5,065 थी जो सन् 2010 में बढ़कर 5,104 हो
गई। इसके अतिरिक्त, सन् 2000 के बाद से विश्व में काथलिक पुरोहितों की संख्या शनैः शनैः
बढ़ती गई है। सन् 2010 में विश्व के काथलिक पुरोहितों की संख्या 412,236 दर्ज़ की गई
थी। एक ओर यूरोप में जहाँ काथलिक पुरोहितों की संख्या घटी है वहीं एशिया, अफ्रीका, ओसियाना
तथा अमरीका में नये पुरोहितों की वृद्धि देखी गई।
परमधर्मपीठ की नई वार्षिकी
के अनुसार धर्मबहनों की संख्या में अपेक्षकृत कमी देखी गई। यूरोप, अमरीका तथा ओसियाना
में धर्मबहनों की संख्या क्रमशः 2.9 प्रतिशत, 2.6 प्रतिशत तथा 1.6 प्रतिशत कम हुई है।
विश्वव्यापी तौर पर सन् 2009 में काथलिक धर्बहनों की संख्या 7.29.371 थी जो सन् 2010
में कम होकर 721.935 हो गई है।