2012-03-09 16:03:17

पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर अमरीकी धर्माध्यक्षों के लिए संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी 9 मार्च 2012 (सेदोक) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अमरीका के सप्तम से नवम क्षेत्रों के धर्माध्यक्षों को पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर शुक्रवार को सामूहिक रूप से वाटिकन में सम्बोधित किया। उन्होंने वर्तमान समय की बौद्धिक और नैतिक चुनौतियों के आलोक में अमरीकी संस्कृति के सुसमाचारीकरण के कुछेक पहलूओं पर प्रकाश डालते हुए विवाह और परिवार के सामने व्यापक संकट और हयूमन सेक्सुआलिटी के ईसाई दर्शन पर चर्चा की।
संत पापा ने कहा कि विवाह की अभिशून्यता के प्रति कम होती स्वीकृति तथा ब्रहमचर्य पर आधारित जिम्मेदार, प्रौढ़ यौन नैतिकता का व्यापक रूप से खारिज किये जाने के फलस्वरूप गंभीर सामाजिक समस्याएं खड़ी हो रही हैं जिसके लिए बहुत अधिक मानवीय और आर्थिक कीमत अदा करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय ने देखा था कि मानवता का भविष्य परिवार से होकर जाता है। परिवार और विवाह ऐसी संस्थाएँ हैं जिनकी रक्षा और प्रसार किया जाना है क्योंकि जो कुछ भी परिवार के लिए हानिकर है वह समाज को ही हानि पहुँचाता है।
संत पापा ने कहा कि शक्तिशाली राजनैतिक और सांस्कृतिक धाराएं विवाह की कानूनी परिभाषा को ही बदल देने का प्रयास कर रही हैं। विवाह रूपी संस्थान की रक्षा करना सामाजिक वास्तविकता है क्योंकि अंततः यह न्याय का सवाल है जो सम्पूर्ण मानव समुदाय के कल्याण की रक्षा करने तथा अभिभावकों और बच्चों के अधिकारों की रक्षा से जुड़ा है।
विवाह और परिवार के बारे में कलीसिया की शिक्षा को समग्र रूप से बताने के समय आनेवाली कठिनाईयों तथा विवाह संस्कार के लिए आनेवाले युवाओं की संख्या में गिरावट को देखते हुए संत पापा ने कहा कि कलीसिया की शिक्षा और कलीसिया की सामाजिक शिक्षा के सार संग्रह को प्रवचनों और धर्मशिक्षाओं में उचित स्थान दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने विवाह तैयारी कार्यक्रमों में यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि धर्मशिक्षा के पहलूओं सहित ईसाई विवाह के सामाजिक और कलीसियाई जिम्मेदारियों को भी अच्छी तरह प्रस्तुत किया जाये। विवाह पूर्व युग्मों के एक साथ रहने से उत्पन्न होनेवाली कठिनाईयों को देखते हुए संत पापा ने धर्माध्यक्षों को उत्साहित किया कि विवाह समारोह के मामले में स्पष्ट मेषपालीय और धर्मविधि सम्मत नियमन विकसित करें जिसमें ईसाई नैतिकता की वस्तुनिष्ठ माँग हो तथा जो युवा जोड़ों के प्रति संवेदनशीलता एवं परवाह को दर्शाये।
संत पापा ने अमरीकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा तैयार सन 2009 के पत्र " मैरिज लव एंड लाइफ इन द डिवाइन प्लैन " की सराहना की जिसमें कलीसिया की शिक्षा को स्पष्ट और आधिकारिक रूप से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने परिवारों को समर्थन देने के लिए पल्लियों, स्कूलोँ और लोकोपकारी संस्थानों की भी सराहना की जो कठिन वैवाहिक परिस्थितियों में जी रहे दम्पतियों, अलग या तलाकशुदा व्यक्तियों, एकल अभिभावकों, किशोर आयु में मातृत्व धारण करनेवाली युवतियों, गर्भपात का विचार करनेवाली महिलाओं एवं परिवार टूटने से त्रासदीपूर्ण स्थिति झेल रहे बच्चों की सहायता करते हैं।
संत पापा ने सम्पूर्ण मसीही समुदाय फिर से ब्रह्मचर्य के सदगुण की सराहना करने की पुर्नखोज करने की नितांत आवश्यकता को रेखांकित किया। युवाओं के लिए जरूरी होगा कि कलीसिया की शिक्षा को इसकी समग्रता में लें। यदि हम ख्रीस्त को अपने जीवन में प्रवेश करने दें तो हम कुछ खोते नहीं हैं जो वास्तव में जीवन को स्वतंत्र, सुंदर और महान बनाता है।
संत पापा ने कहा कि इस क्षेत्र में हमारे प्रयास अंततः बच्चों के कल्याण को ध्यान में रखते हैं जिनका मूलभूत अधिकार है कि यौन नैतिकता के स्वस्थ वातावरण में उनकी परवरिश हो तथा मानव संबधों में इनका उचित स्थान हो। संत पापा ने कहा कि बच्चे हर समाज का भविष्य तथा सच्ची निधि हैं। उनका देखभाल करने का अर्थ है कि नैतिक मूल्यों को जीने और उनकी शिक्षा देने तथा रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पहचानना।
अंततः संत पापा ने यह कामना व्यक्त की कि अतीत की घटनाओं से शिक्षा पाकर अमरीका में कलीसिया युवाओं को शिक्षा देने के अपने ऐतिहासिक मिशन को बनाये रखेगी और इस प्रकार स्वस्थ परिवार की बुनियाद को मजबूत रखने में योगदान देगी जो विभिन्न पीढियों के मध्य सह्दयता और समाज के स्वस्थ की सुनिश्चित गारंटी है।







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