2012-03-07 12:32:52

मुम्बईः भारतीय समाज को रूपान्तरित करने हेतु पत्रकारिता में "नैतिकता" का कार्डिनल ग्रेशियस ने किया आह्वान


मुम्बई, 07 मार्च सन् 2012 (एशियान्यूज़): मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति तथा भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल ऑसवर्ल्ड ग्रेशियस ने कहा है कि सामाजिक रूपान्तरण में मीडिया की भूमिका अपरिहार्य है इसलिये पत्रकारिता में नैतिकता पर ध्यान केन्द्रित किया जाना अनिवार्य है।

तीन मार्च को, मुम्बई के सेन्ट पौल मीडिया कॉम्प्लेक्स में, "प्रिंट मीडिया" पर आयोजित राष्ट्रीय शिविर में कार्डिनल ग्रेशियस ने यह बात कही। सोसाईटी ऑफ सेन्ट पौल के सम्प्रेषण विभाग द्वारा आयोजित शिविर का शीर्षक थाः "सामाजिक रूपान्तरण भारतीय प्रेस का दायित्व"।

शिविर में भाग लेने वाले भारतीय पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों को सम्बोधित अपने उदघाटन भाषण में कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा, "स्वतंत्रता का अति ख़तरनाक है। इसीलिये यह आवश्यक है कि पत्रकार अपने अनुशासन के लिये ख़ुद अपने नियम निर्धारित करें।" उन्होंने धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय को याद करते हुए कहा कि स्व. सन्त पापा ने विश्व में उपलब्ध सभी सम्प्रेषण माध्यम तरीकों का उपयोग ईश प्रेम के प्रसार हेतु किया।

हिन्दुस्तान टाईम्ज़ तथा इन्डियन एक्सप्रेस के पूर्व पत्रकार बी.जी. वरग़ीज़ ने मीडिया के अधिकारों एवं दायित्वों पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा, "प्रेस के पास अपार क्षमता है तथा उससे सभी भय खाते हैं। इस क्षमता के कारण ही मीडिया की ज़िम्मेदारियाँ अत्यधिक गम्भीर होती हैं। संसद में विचारित 80 प्रतिशत बातें वही होती हैं जो हम समाचार पत्रों में पढ़ते हैं। प्रेस की स्वतंत्रता एक खास स्वतंत्रता है इसीलिये इसमें नियमों का होना भी ज़रूरी है।"

उन्होंने कहा कि मीडिया को लोगों के बीच मैत्री और भाईचारा बढ़ाने का काम करना चाहिये। उसे सामाजिक न्याय एवं मानव प्रतिष्ठा को प्रोत्साहन देना चाहिये।








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