धार्मिक पर्यटन को बढावा देने के लिए भारतीय कार्डिनलों की इस्राएल यात्रा
इस्राएल 1 मार्च 2012 (ऊकान) भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल
ओसवाल्ड ग्रेशियस के नेतृत्व में एक कलीसियाई एकतावर्द्धक प्रतिनिधमंडल ने 26 फरवरी से
1 मार्च तक इस्राएल में पवित्र स्थलों का दौरा किया ताकि भारत और इस्राएल के मध्य धार्मिक
पर्यटन को बढावा मिले। इस्राएल के पर्यटन मंत्रालय के निमंत्रण पर प्रतिनिधमंडल द्वारा
इस्राएल का दौरा सम्पन्न हुआ ताकि भारत के ईसाई समुदाय और इस्राएल के मध्य मधुर संबंध
बन सके। प्रतिनिधिमंडल में कार्डिनल ग्रेशियस सहित सीरो मलाबार कलीसिया के प्रमुख आर्चविशप
कार्डिनल जोर्ज अलेंचेरी, गोआ और दमन के महाधर्माध्यक्ष फिलिप्पे नेरी फेराओ, तथा तिरूवन्नतापुरम
के महाधर्माध्यक्ष सुसई पाकम सहित मलंकारा आर्थोडोक्स सीरियाई चर्च तथा लुथरन चर्च के
धर्माधिकारी भी शामिल रहे। मुम्बई महाधर्मप्रांत के प्रवक्ता फादर अंतोनी चरांगाट
ने कहा कि कार्डिनलों ने सरकारी अधिकारियों को धन्यवाद दिया कि उन्हें यहूदी, ईसाई और
मुसलमानों के पवित्र स्थलों को देखने का अवसर मिला जिनका इतिहास लगभग तीन हजार वर्षों
तक है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पवित्र कब्र पर निर्मित बासिलिका को देखा, प्रभु
की पवित्र समाधि तथा कलवारी पर प्रार्थना अर्पित किया एवं माऊंट सायन पर निर्मित कक्ष
में ख्रीस्तयाग अर्पित किया जहाँ येसु ख्रीस्त ने अपने शिष्यों के साथ अंतिम व्यालू का
भोजन किया था। ऊपरी कमरा, दोरमिसियन चर्च तथा सिसकती दीवार अन्य ऐतिहासिक और धार्मिक
महत्व के स्थल रहे। इन पवित्र स्थलों की भेंट करते हुए कार्डिनलों ने अपने विश्वास का
गहरा होने तथा इसके नवीनीकरण होने का अनुभव पाया। कार्डिनलों ने यहूदी प्रार्थनागृहों
की भेंट करने के साथ ही विभिन्न धर्मों के नेताओं के साथ बैठकों का आयोजन किया। येरूसालेम
में पवित्र स्थलों के प्रभारी फादर पियेरबातिस्ता पिज्जाबाला ने कलीसियाई नेताओं को बताया
कि पवित्र भूमि में कैसे विभिन्न ईसाई समुदाय अन्य समुदायों के साथ सह-अस्तित्व की भावना
में जीवन व्यतीत करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पवित्र भूमि में पवित्र स्थलों
की देखरेख करनेवाले तथा इस्राएली पर्यटन मंत्रालय भारतीय तीर्थयात्रियों की सहायता कर
सकता है ताकि वे बेहतर फलप्रद आध्यात्मिक तीर्थयात्रा कर सकें। प्रतिवर्ष एक मिलियन
से भी अधिक तीर्थयात्री पवित्र भूमि(होली लैंड) का दौरा करते हैं। सन 2010 में 1.6 मिलियन
तीर्थयात्री आये जो सन 2009 की अपेक्षा 39 प्रतिशत ज्यादा था। विगत कुछ वर्षों में एशिया
से पवित्र भूमि(होली लैंड) की तीर्थयात्रा करनेवाले तीर्थयात्रियों विशेष रूप से भारत
से आनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है।