2012-02-27 13:39:19

पास्टर यूसेफ नदारखानी को मौत की सजा ‘तुरन्त’


ईरान, 27 फरवरी, 2012 (कैथोलिक हेराल्ड) अमेरिका के एक मानवाधिकार संगठन ने कहा है कि ईरान में ईसाई पास्टर यूसेफ नदारखानी को निकट भविष्य में कभी मौत की सजा दे दी जायेगी।

अमेरिकन सेन्टर फॉर लॉ एंड जस्टिस ने उक्त बात की जानकारी देते हुए कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान से प्राप्त जानकारी के अनुसार नदारखानी को मौत की सज़ा सुनायी जा चुकी है क्योंकि उसने इस्लाम धर्म में वापस आने से इन्कार कर दिया है।

अमेरिकन सेन्टर फॉर लॉ एंड जस्टिस के निदेशक जोर्डन सेकुलो ने अमेरिक न्यूज़ सूत्र एमएसएनबीसी का हवाला देते हुए कहा कि "अब तक इस बात की जानकारी प्राप्त है कि वह जीवित है लेकिन ईरान की न्यायालय के अध्यक्ष अयातोल्ला सदेघ लरिजानी को इस बात की स्वीकृति देनी है मृत्युदंड सार्वजनिक हो। जानकारी के मुताबिक कम ही लोगों को सार्वजनिक फाँसी दी गयी है अधिकतर लोगों के साथ यह प्रक्रिया गुप्त रूप से पूर्ण कर दी जाती है।"

निदेशक जोर्डन ने कहा,"हम अब भी माँग कर रहे हैं कि पास्टर की रिहाई अविलंब कर दी जाये।"

विदित हो कि 34 वर्षीय पास्टर नदारखानी को सन् 2009 में ईरान के उत्तरी शहर राश्त से गिरफ़्तार कर लिया गया था।

एक अपील अदालत ने उसके दंड को सही ठहराया क्योंकि उसने तीन बार दिये अवसर के बाद भी इस्लाम धर्म में वापस आने से इंकार कर दिया।

ज्ञात हो कि 2 बच्चों के पिता नदारखानी प्रोटेस्टंट एवान्जेलिक चर्च का एक पास्टर है जो कभी भी मुस्लिम नहीं था पर उसके पृष्ठभूमि इस्लाम की रही है।
कुछ उदारवादी मुसलमानो ने स्वधर्म त्याग के मामले को लेकर मौत की सजा का विरोध किया है। अहमदिय्या मुस्लिम कम्युनिटी राष्ट्रीय प्रवक्ता हैरिस ज़फर के अनुसार " मुझे मालूम है कि इस्लाम के नाम पर ऐसा करना इस्लाम नहीं है। यह मानवाधिकारों और इस्लाम दोनों का हनन है। हैरिस ज़फर ने कुरान का उद्धरण करते हुए कहा "जो विश्वास करे उसे विश्वास करने दो और जो भी हो उसे विश्वास न करने दो।" (कुरान, 18:29)














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