2012-02-22 12:49:04

बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा का संदेश
22 फरवरी, 2012


वाटिकन सिटी, 22 फरवरी, 2012 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित संत पौल षष्टम् सभागार में देश-विदेश से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा - मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज काथलिक कलीसिया राखबुध का त्योहार मना रही है। यह पास्कापर्व के पूर्व के चालीस दिन की विशेष यात्रा का पहला दिन भी है। आज के दिन विश्व के सब ख्रीस्तीय में इस बात के लिये आमंत्रित किये जाते हैं कि वे पश्चात्ताप, परिवर्तन और नवीनीकरण की तीर्थयात्रा करें।
पवित्र धर्मग्रंथ बाइबल में 40 संख्या का व्यापक प्रतीकात्मक अर्थ है। इसके द्वारा हम यहूदियों की उस यात्रा की याद करते हैं जो उन्हें रेगिस्तान में करना पड़ा था जो उनके लिये आशा, विशुद्धि और ईश्वर के निकट आने का वक्त तो था ही प्रलोभन और परीक्षा का समय भी था।
यहूदियों द्वारा रेगिस्तान में चालीस साल तक की यात्रा करने की घटना से प्रेरित होकर येसु ने भी अपने सार्वजनिक जीवन आरंभ करने के पूर्व चालीस दिनों तक पिता ईश्वर के साथ अंतरंग प्रार्थनामय समय बिताया। यह समय उनके लिये बुराई के रहस्य को समझने का समय था।
कलीसिया चालीसे काल के आत्मसंयम द्वारा यह चाहती है कि अनुयायी अपने विश्वास सुदृढ़ करें और येसु के पास्का रहस्यों का अनुकरण करें। कलीसिया चाहती है कि इन चालीस दिनों में ख्रीस्तीय येसु के दिव्य वचनों और उदाहरण पर चिन्तन करते हुए आध्यात्मिक शुष्कता, स्वार्थ और सांसारिकता जैसी वीरानी या चुनौतियों को जीत सके।
ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि पूरी कलीसिया के लिये यह समय कृपा का समय हो जब ख्रीस्तीय विन्ती, उपवास और आत्मसंयम के द्वारा क्रूसित और जीवित येसु के साथ एक हो सकें और पास्कापर्व के आनन्द और आशा प्राप्त करें।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।
उन्होंने इंगलैंड, बेलजियम,आयरलैंड, नॉर्वे, अमेरिका तथा अन्टवेर्प धर्मप्रांत के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर प्रभु की कृपा, आध्यात्मिक और सफलतापूर्ण चालीसा काल की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।




 

 

 
 







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