रोम 16 फरवरी 2012, (वीआर वर्ल्ड) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने बुधवार 15 फरवरी की
संध्या पहर में रोम स्थित " अवर लेडी ओफ कांफिडेन्स " नामक प्रमुख सेमिनरी का दौरा किया।
उन्होंने विश्वास की माता मरिया की प्रतिमा की वंदना की तथा सेमिनरी छात्रों से मिले।
संत पापा ने अपने पूर्वाधिकारी धन्य संत पापा जोन पौल द्वितीय द्वारा सेमिनरी की संरक्षिका
के पर्व दिवस पर सेमिनरी का दौरा करने की परम्परा को जारी रखा।
संत पापा के
सेमिनरी आगमन पर तू एस पेत्रुस गीत का गायन किया गया और इसके बाद संध्या वंदना प्रार्थना
का पाठ किया गया। जिसमें रोमियों के नाम प्रेरित संत पौलुस के पत्र के 12 वें अध्याय
का पठन किया गया जिसमें लिखा है- भाईयो, मैं ईश्वर की दया के नाम पर अनुरोध करता हूँ
कि आप मन तथा ह्दय से उसकी उपासना करें और एक जीवंत, पवित्र तथा सुग्राह्य बलि के रूप
में अपने को ईश्वर के प्रति अर्पित करें। इस पाठ पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए संत पापा
ने कहा कि यह नैतिक जीवन जीने के सरल आह्वान से कहीँ अधिक माँग है जिसमें ताड़ना और सांत्वना
दोनों है।
उन्होंने साहसपूर्ण सेवा और अपने जीवन में ईश्वर की इच्छा को जानने
के लिए यथार्थ मनन चिंतन करने के लिए गुरूकुल छात्रों को प्रोत्साहन दिया तथा उन्हें
स्मरण कराया कि वर्तमान युग के जनमत से बंधे नहीं रहें। अवर लेडी ओफ कांफिडेन्स की सहायता
की याचना करते हुए उन्होंने कहा कि ईश्वर को हम पूर्ण बदलाव लाने की अनुमति प्रदान करें
जो वास्तव में हमें नया प्राणी बनायें। संध्या वंदना प्रार्थना का अंत पवित्र साक्रमेंत
की आराधना के साथ हुआ।