पुरोहित, गरीबों की सहायता करने क सचेतन विकल्प चुनें
मुम्बई 16 फरवरी 2012(ऊकान) मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेशियस ने भारत
के धर्मप्रांतीय पुरोहितों के सम्मेलन की वार्षिक बैठक को समारोही ख्रीस्तयाग के समय
सम्बोधित करते हुए कहा पुरोहित, गरीबों की सहायता करने क सचेतन विकल्प चुनें। उन्होंने
कहा कि हमारे पास दो इंडिया है और पुरोहितों को इन दोनों के मध्य पुल का निर्माण करना
है।
कार्डिनल ग्रेशियस ने खेद व्यक्त किया कि देश की प्रगति का लाभ केवल धनी
लोगों को मिला है जिनके पास सबकुछ है लेकिन गरीबों को अमानवीय परिस्थिति में जीवन बिताना
पड़ता है तथा उनके पास शिक्षा और न्यूनतम सुविधाएँ भी नहीं होती हैं। कार्डिनल महोदय
ने कहा कि हम उनके जीवन में बदलाव ला सकते हैं, हम सचेत होकर निर्धनों की सहायता करना
चुनें।
भारत के धर्मप्रांतीय पुरोहितों के सम्मेलन की वार्षिक बैठक 14 से 16
फरवरी तक न्यू इवांजलाईजेशना इटस मीनिंग, रेलेवन्स एंड वेस ओफ डूविंग इन इंडिया शीर्षक
के तहत मुम्बई में सम्पन्न हुई। कार्डिनल ग्रेशियस ने पुरोहितों को मिलकर एक साथ काम
करने के लिए उत्साहित किया और कहा कि वे अच्छे विचारों के साथ समर्पित भाव से वापस जायें
तथा भारत को बदलें। उन्होंने आतंकवाद को असंतोष की अभिव्यक्ति कहा जो प्रगति के नाम पर
निर्धनों का अनैतिक शोषण है। संसार को वैसे पुरोहितों की जरूरत है जो न्याय शांति और
समानता वाले राज्य का निर्माण करें।
कार्डिनल ग्रेशियस ने याजक वर्ग को सुसमाचार
प्रचार कार्य़ के लिए लोकधर्मियों को भी विश्वास में लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा
कि लोकधर्मी हमारी ताकत हैं, हमें उन्हें समस्या के रूप में नहीं लेकिन अवसर के रूप में
देखना तथा उनका सशक्तिकरण करना चाहिए।