रोमः "चंगाई और नवीनीकरण" सम्मेलन को सन्त पापा का सन्देश
रोम, 07 फरवरी सन् 2012 (सेदोक): रोम स्थित ग्रेगोरियन परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय में,
सोमवार से गुरुवार तक "चंगाई और नवीनीकरण" विषय पर आयोजित संगोष्ठी में प्रेषित एक सन्देश
में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने प्रार्थना की है कि यह संगोष्ठी यौन दुराचार से पीड़ित
बच्चों की सहायता करनेवाले धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों को आलोकित कर सके।
बच्चों
के विरुद्ध कुछेक पुरोहितों के यौन दुराचार की समस्या से निपटने के लिये तथा पीड़ितों
को उपयुक्त सहायता प्रदान करने के लिये मार्गदर्शन तैयार करना उक्त संगोष्ठी का उद्देश्य
है।
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की ओर से वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो
बेरतोने ने एक सन्देश प्रषित कर संगोष्ठी में भाग लेनेवाले कार्डिनलों, धर्माध्यक्षों
एवं पुरोहितों को स्मरण दिलाया है कि यौन दुराचार से पीड़ित लोगों को चंगाई प्रदान करना
अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चंगाई कार्य के साथ साथ कलीसिया के नवीनीकरण
की भी नितान्त आवश्यकता है ताकि यौन दुराचार के प्रकरणों पर उचित कार्यवाही की जा सके।
सन्देश में कहा गया कि सन्त पापा "इस महत्वपूर्ण पहल," के लिये प्रार्थना कर
रहे हैं तथा प्रभु ईश्वर से याचना कर रहे हैं ताकि "प्रतिभागियों के बीच विचार-विमर्श
के माध्यम से, यौन दुराचार के पीड़ितों की समस्या से जूझ रहे सम्पूर्ण विश्व के अनेक
धर्माध्यक्ष एवं पुरोहित ख्रीस्त के संदेशानुकूल इस त्रासदी का प्रत्युत्तर देने में
समर्थ बनें।"
सन्देश में कहा गया, "जैसा कि सन्त पापा ने प्रायः इस तथ्य पर
बल दिया है, पीड़ितों की चंगाई के प्रति ख्रीस्तीय समुदाय को विशेष रूप से उत्कंठित
रहना चाहिये और इसे हर स्तर पर कलीसिया के गहन नवीनीकरण के साथ होना चाहिये। प्रभु हमें
याद दिलाते हैं कि हमारे छोटे से छोटे भाई के हित में किया गया हमारा हर कार्य उसके प्रति
किया दया का कार्य है।"
सन्त पापा ने संगोष्ठी में भाग ले रहे धर्माधिकारियों
को परामर्श दिया कि सम्पूर्ण कलीसिया में प्रभावात्मक सुरक्षा एवं पीड़ितों को समर्थन
प्रदान करनेवाली संस्कृति को प्रोत्साहित करने हेतु वे अपने प्रयासों को जारी रखें।