विश्वास और धर्मसिद्धांत संबंधी परमधर्मपीठीय समिति की पूर्णकालिक सभा के प्रतिभागियों
के लिए संत पापा का संदेश
वाटिकन सिटी 27 जनवरी 2012 (वीआर वर्ल्ड, सेदोक) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने विश्वास
और धर्मसिद्धांत संबंधी परमधर्मपीठीय समिति की पूर्णकालिक सभा के लगभग 70 प्रतिभागियों
को 27 जनवरी को वाटिकन स्थित क्लेंमेतीन सभागार में सम्बोधित किया। उन्होंने यह आशा व्यक्त
की कि यह समिति और अधिक समीपता एवं बंधुत्व की भावना में ख्रीस्तीय एकता के प्रसार के
लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति के साथ मिलकर काम करेगी ताकि और अधिक प्रभावी तरीके से ईसाईयों
के मध्य पूर्ण एकता की पुर्नस्थापना का प्रसार हो। संत पापा ने कापिटल टी परम्परा
तथा विभिन्न मसीही समूहों के मध्य अनेक अनमोल परम्पराओं के मध्य संबंध पर भी चर्चा की।
उनके अनुसार प्रेरितिक संविधान " आंगलिकानोरूम कोईतिबुस " के प्रावधानों के अनुरूप ओरडिनारियेटस
की स्थापना प्रमुख उपलब्धि रही है जो सत्य का चिह्न भी है कि वस्तुतः विभिन्न मसीही समुदायों
की आध्यात्मिक समृद्धि , एक विश्वास की अभिव्यक्ति की समृद्धि तथा उपहार है जिसे दूसरे
के साथ बाँटा जाना है। संत पापा ने कलीसियाई एकतावर्द्धक यात्रा में आनेवाली नैतिक
समस्याओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारी वार्ताओं में हम मानव जीवन, परिवार,
सेक्सुआलिटी, जैव नैतिकता, स्वतंत्रता, न्याय और शांति से जुड़े महान नैतिक सवालों की
उपेक्षा नहीं कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण होगा कि एक स्वर से इन मुद्दों पर कहें जो पवित्र
धर्मग्रंथ और कलीसिया की जीवंत परम्परा के आधार पर हो। संत पापा ने कहा कि चर्च की महान
परम्परा के बुनियादी मूल्यों की रक्षा करते हुए हम मानवजाति और सृष्टि की रक्षा करते
हैं।