2012-01-26 17:18:16

ख्रीस्तीय एकता की ओर आशा और नवीकृत समर्पण के साथ देखें


रोम 26 जनवरी 2012 (एशिया न्यूज ) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने ख्रीस्तीयों के मध्य एकता के प्रार्थना सप्ताह के समापन पर 25 जनवरी को रोम स्थित संत पौल बासिलिका में आयोजित प्रार्थना सभा के दौरान कहा कि विभाजन की दुःखदायी परिस्थितियों के अनुभवों के मध्य हम ख्रीस्तीयों को भविष्य की ओर आशा से देखनी चाहिए क्योंकि ख्रीस्त की विजय का अर्थ है कि उन सब पर विजय प्राप्त करना जो हमें उनके साथ और एक दूसरे के साथ जीवन की पूर्णता की शेयरिंग करने से रोकती हैं। संत पापा ने ख्रीस्तीयों से आशा बनाये रखने का आग्रह किया तथा कहा कि ईश्वर की इच्छा, एकता है उसके लिए हम अपने समर्पण को नवीकृत करें तथा साहस और उदारतापूर्वक काम करते रहें।

25 जनवरी को संत पौल बासिलिका में सम्पन्न एकतावर्द्धक संध्या प्रार्थना समारोह में एकतावर्द्धक प्राधिधर्मपीठ के प्रतिनिधि मेट्रोपोलिटन जेन्नादियोस तथा रोम में कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष के निजी प्रतिनिधि कैनन रिचर्डसन सहित विभिन्न चर्चों और मसीही समुदायों के प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

18 से 25 जनवरी तक सम्पन्न कलीसियाई एकतावर्द्धक प्रार्थना सप्ताह के इस वर्ष के शीर्ष वाक्य- " प्रभु ख्रीस्त की विजय द्वारा सब कुछ परिवर्तित हो जाएगा " पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए संत पापा ने कहा कि इस रहस्यपूर्ण पूर्ण परिवर्तन का अर्थ जिसमें आरम्भिक कलीसिया को सतानेवाला साऊल बदलकर येसु के सुसमाचार का अथक प्रेरित बन गया, यह दीर्घकालीन आंतरिक चिंतन का परिणाम नहीं और न ही निजी प्रयास का फल था लेकिन यह ईश्वर की कृपा थी जो अपने ही तरीके से काम करती है। इस पूर्ण परिवर्तन का आधार है येसु की मृत्यु और पुनरूत्थान के रहस्य में हमारी सहभागिता जो स्वयं को उनमें एक होने की सतत प्रक्रिया के रूप में प्रस्तुत करती है। इस जागरूकता में प्रेरित संत पौलुस बाद में कहते हैं कि यह मैं नहीं लेकिन ख्रीस्त जो मुझमें जीते हैं। संत पौलुस का निजी अनुभव पूर्णपरिवर्तन के रहस्य को पूरा होने के लिए दृढ़ आशा के साथ प्रतीक्षा करने के लिए उसे समर्थ बनाता है। सम्पूर्ण मानवजाति और सृष्टि के साथ ही यह रहस्य उन सबको प्राप्त होगी जो येसु में विश्वास करते हैं।

संत पापा ने कहा जैसा कि हम प्रार्थना करते हैं तथा हमारा दृढ़ मत हैं कि हम भी पूर्ण परिवर्तित होकर ख्रीस्त के प्रतिरूप में एक हो जायेंगे, ख्रीस्तीय एकता के लिए हमारी प्रार्थना में यह विशिष्ट रूप से सही है। जब हम ख्रीस्त के शिष्यों के मध्य एकता के वरदान के लिए प्रार्थना करते हैं हम येसु द्वारा अपनी मृत्यु और दुःखभोग के पूर्व संध्या सबलोगों के मध्य एकता के लिए व्यक्त की गयी उनकी इच्छा को अपना बनाते हैं। इसी कारण से ख्रीस्तीय एकता के लिए प्रार्थना कलीसिया के लिए उनकी दिव्य योजना को साकार करने में हमारी सहभागिता है तथा एकता की स्थापना के लिए हमारा सक्रिय समर्पण कर्तव्य और सबके लिए महान जिम्मेदारी है।

संत पापा ने कहा कि जीवित मसीह की उपस्थिति सब ख्रीस्तीयों से जनहित के लिए एकसाथ काम करने का आह्वान करती है। ख्रीस्त में संयुक्त होकर हम उनके मिशन में सहभागी होने के लिए बुलाये जाते हैं अर्थात उन स्थानों में आशा लायें जहाँ अन्याय, नफरत और निराशा है।








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