2012-01-25 20:50:26

बुधवारीय-आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा का संदेश
25 जनवरी, 2012


वाटिकन सिटी, 25जनवरी, 2012 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थिति संत पौल षष्टम् सभागार में देश-विदेश से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा-मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में हम प्रार्थना विषय पर चिन्तन जारी रखते हुए पुरोहितीय प्रार्थना पर चिन्तन करें जिसे येसु ने अंतिम ब्यारी में चढ़ाया था।(संत यो.17;1-26)
यहूदियों के ‘योम किप्पूर’ नामक पापशोधन त्योहार के परिपेक्ष में येसु एक पुरोहित और बलि के रूप में ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर पापक्षमा के बलिदान के पल के लिये येसु को महिमान्वित करें।


येसु, पिता ईश्वर से निवेदन करते हैं कि वे उनके शिष्यों को पवित्र करें, उन्हें चुनकर दुनिया में भेजें ताकि उनके शिष्य मिशन को जारी रख सकें।
येसु ने इस बात की भी याचना की कि उन्हें एकता का वरदान दे जो शिष्यों के प्रवचन के द्वारा ईश्वर में विश्वास करेंगे।
इस प्रकार येसु द्वारा चढ़ायी गयी पुरोहितीय प्रार्थना को कलीसिया की स्थापना के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ वे शिष्यों के विश्वास की सहायता से एक समुदाय का निर्माण करते हैं, उन्हें एकता के सूत्र में बाँधते हैं और उन्हें मुक्तिदायी मिशन में सहभागी बनाते हैं।
आज जब हम येसु की पुरोहितीय प्रार्थना पर चिन्तन कर रहे हैं तो आइये हम प्रार्थना करें कि हम अपने बपतिस्मा से प्राप्त समर्पण में मजबूत हों और अपने पड़ोसियों तथा विश्व के लोगों के लिये प्रार्थना करें।


आज हम ख्रीस्तीय एकता के अंतिम दिन में इसलिये भी प्रार्थना करें कि येसु के अनुयायियों के बीच दृश्यमान एकता बनी रहे ताकि दुनिया येसु तथा पिता ईश्वर में विश्वास करे जिसने उन्हें भेजा।
इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने स्विटजरलैंड के बोस्सी ग्रजूएट स्कूल के एक्यूमेनिकल स्टडीस के विद्यार्थियों और अंग्रेजी भाषा-भाषियों, देश-विदेश से आये तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों पर प्रभु की कृपा, प्रेम और शांति की कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।












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