काश्मीरः ख्रीस्तीयों ने इस्लामिक अदालत के आदेश पर जताई चिन्ता
काश्मीर, 24 जनवरी सन् 2012 (कैथन्यूज़): काश्मीर के ख्रीस्तीय नेताओं ने हाल में एक
इस्लामिक अदालत द्वारा जारी निदेशों पर गहन चिन्ता व्यक्त की है जिसमें चार मिशनरियों
को देश से निष्कासित करने का आदेश दिया गया है तथा ख्रीस्तीय स्कूलों से मांग की गई है
कि वे अपने शिक्षण संस्थानों में सभी विद्यार्थियों के लिये इस्लाम धर्म की शिक्षा की
व्यवस्था करें।
सोमवार को जम्मू श्रीनगर के काथलिक धर्माध्यक्ष पीटर सेलेस्टीन
ऐलामपास्सेरी ने कहा कि काश्मीर के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी उक्त निदेशों के प्रति चिन्तित
हैं तथा राज्य की शरियत अदालत द्वारा निशाना बनाये जा रहे हैं।
हाल के फ़ैसलों
में, अदालत ने चर्च ऑफ नोर्थ इन्डिया के पादरी सी.एम. खन्ना तथा उनके सहयोगी गायूर मसीह
को मुसलमानों को लालच देकर उनका धर्मान्तरण करने का दोषी पाया था तथा उनके निष्कासन का
आदेश जारी किया था। दोनों पादरियों की पत्नियों को भी निष्कासन आदेश दे दिये गये हैं।
इसी प्रकार के धर्मान्तरण आरोप काथलिक मिशनरी फादर जिम बोर्स्ट पर भी लगाये गये
हैं।
धर्माध्यक्ष ऐलामपास्सेरी ने कहा, "अल्पसंख्यक होने के कारण हम इन आदेशों
के विरुद्ध कुछ भी नहीं कर सकते।"
धर्माध्यक्ष ने कहा कि मंगलवार को वे केन्द्रीय
अल्पसंख्यक आयोग से मुलाकात कर ख्रीस्तीयों की व्यथाओं को राज्य सरकार तक पहुँचाने का
आग्रह करेंगे।
उन्होंने इस बात पर बल दिया, "हमारी संस्थाएँ मुसलमान लोगों की
सेवा कर रहीं है। हम कभी भी बलात धर्मान्तरण अथवा धर्मप्रचार में लिप्त नहीं रहे।"
धर्माध्यक्ष
ने स्पष्ट किया कि राज्य के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों पर इस्लामिक अदालत का कोई अधिकार
नहीं है तथापि, उन्होंने आशंका व्यक्त की कि सरकार उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई करेगी।