वाटिकन सिटी, 23 जनवरी, 2012 (सेदोक) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा, "सच्चा
कानून, न्याय से अवियोज्य है और सत्य के लिये समर्पित है।" संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने शनिवार, 21 जनवरी को सेक्रेड रोमन रोटा से सदस्यों
को वाटिकन ट्रिब्युनल के नये सत्र के आरंभ में संबोधित किया। विदित हो कि रोमन रोटा
वाटिकन का सर्वोच्च ट्राइब्यूनल या न्यायालय है जो ख्रीस्तीय विवाह के निरस्तीकरण के
निवेदनों पर विचार-विमर्श कर निर्णय देती है। इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने काथलिक
कलीसिया के प्रत्येक कानून को कलीसिया की एकता और मिशन के साथ संयुक्त बताया। उन्होंने
यह भी याद दिलाया कि वर्ष 2012 विश्वास का वर्ष है जिसे वाटिकन द्वितीय महासभा के आरंभ
होने के 50वे वर्षगाँठ के अवसर पर मनाया जा रहा है। संत पापा ने कहा, "कैनन लॉ की
विवेचना, विश्वास में निहित सत्य से मार्गदर्शन पाती है। कलीसिया के नियम प्रेम, निष्पक्षता
और विवेक के द्वारा संचालित होती है। कलीसिया के नियमों का आधार है-प्रेम और सत्य की
सेवा।" इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने लोगों को आमंत्रितक करते हुए कहा कि
वे कलीसिया के साथ एक होकर चलें, जो उन्हें चर्च की न्यायिक परंपरा और चर्च की घोषणायों
द्वारा अधीनता और सपर्पण के मार्ग पर ले जायेगा।