रोम, 21 जनवरी, 2012 (ज़ेनित) " आर्थिक मंदी का कारण है 70 के दशक से जन्मदर में भारी
कमी आना।" उक्त बात वाटिकन बैंक के रूप में विख्य़ात ‘आईओआर’ अर्थात् ‘इस्तीत्यूतो
पेर ले ओपेरे दी रेलिजियोने’ के अध्यक्ष एत्तोरे गोत्ती तेदेस्की ने उस समय कहीं जब उन्होंने
इताली संसद में ‘परिवार’ विषय पर आयोजित एक विचारगोष्ठी में अपने विचार रखे। एत्तोरे
ने कहा, " यदि हम छः व्यक्ति सरकार के अंग होते तो आर्थिक समस्या का समाधान निकाल लेते
क्योंकि हमें मालूम है कि समस्या की जड़ कहाँ है -परिवार में। तेदेस्की ने कहा, "
जब जन्मों पर व्यवधान डाला जाता है और पश्चिमी देशों में जब परिवार तथा बच्चों को नज़रअंदाज़
किया जाता है तब पाँच तरह का नकारात्मक प्रभाव होना स्वभाविक है।" अर्थव्यवस्था का
विकास न होना, बचत नहीं होना, विवाह नहीं होना, बुजूर्गों का अभाव और रोजगार का अभाव। उन्होंने
कहा, " पिछले 30 सालों बच्चों का जन्मदर कम रहा, इसलिये देश की जनसंख्या उतनी ही रह गयी
है जितनी सन् 1980 में थी। इसलिये जीडीपी नहीं बढ़ा है क्योंकि यह तब ही बढ़ता है जब
अधिक उपभोक्ता होते हैं। लोगों में बचत की भावना का अभाव है, इसलिये बैंकों में नकदी
या रुपये नहीं है। सन् 1975 से 80 ईस्वी में इताली परिवारों की बचत-दर 27 प्रतिशत थी।
अर्थात् प्रत्येक 100 लीरे में 27 लीरे बचाये जाते थे जिसका निवेश किया जाता था। आज
जो कुछ कमाया जाता है उसे समाप्त कर दिया जाता है इसलिये आर्थिक बाज़ार के कोई श्रोत
नहीं रह गये हैं। इसके साथ ही आज 32 वर्ष के पूर्व कोई विवाह नहीं करता है क्योंकि युवाओं
के पास अपना घर नहीं है। यदि वे किसी विशेष व्यवसाय से भी जुड़े हैं तो भी वे 30 वर्ष
पहले की कमाई का आधा कमाते हैं क्योंकि उनके लिये टैक्स की बढ़ोत्तरी 25 से 50 प्रतिशत
हो गयी है। बच्चों के जन्म दर कम हो गया है जिससे जनसंख्या का एक बड़ा भाग पेंसनभोगी
हो गया है। आर्थिक रूप से निर्धारित लागत में वृद्धि कहा जाता है। देश के पास उनकी देख-भाल
के लिये रुपये का अभाव है। उन्होंने कहा, " उपभोग करने के लिये हमने एशिया का सहारा
लिया है। पहले जिन वस्तुओं का उत्पादन पश्चिमी दुनिया में होता था अब हम उसका आयात कर
रहे हैं क्योंकि इसका मूल्य कम है। उत्पादन हटा दिये जाने से रोज़गार में हटा दिये गये
हैं इस तरह से बेरोज़गारी की समस्या बढ़ी है।