भारतीय मिशनरी 166 देशों में सुसमाचार प्रचार के लिए कार्यरत
रोम 19 जनवरी 2012 जेनिथ भारत एक समय सुसमाचार प्रचार के लिए मिशनरी क्षेत्र के रूप
में देखा जाता था लेकिन यह अब यह एक ऐसा देश बन गया है जो विदेशों में सबसे अधिक मिशनरियों
को भेज रहा है। धर्माध्यक्षों और धर्मसमाज के प्रमुखों की हाल ही में बंगलोर में
आयोजित एक बैठक के दौरान इस तथ्य की पुष्टि की गयी। फोरेन मिशन ओफ पेरिस की समाचार एजेंसी
एगलिसेस दि एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार मडागास्कर में कार्यरत फोरेन मिशन औफ पेरिस
के भारतीय पुरोहित फादर बाल्थाजार कास्तेलिनो का कहना है कि भारत के मिशनरी विश्व के
166 देंशों में सुसमाचार प्रचार कर रहे हैं। फादर बाल्थाजार कास्तेलिनो मडागास्कर धर्माध्यक्षीय
सम्मेलन के प्रशासनिक सचिव हैं। उनका मानना है कि लगभग 15000 भारतीय मिशनरी विभिन्न देशों
में सुसमाचार प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस संख्या में और वृद्धि
होने की संभावना है। फादर कास्तेलिनो ने कहा कि आज 214 धर्मसमाज भारतीय मूल के सदस्यों
को मिशनरी के रूप में विदेशों में भेज रहे हैं। धर्माध्यक्षों और धर्मसमाज के प्रमुखों
की बैठक के प्रतिभागियों द्वारा दिये गये साक्ष्यों और आंकड़ों से भी इस तथ्य की पुष्टि
हुई कि इन मिशनरियों का अधिकांश प्रतिशत अफ्रीका, लैटिन अमरीका और प्रशांत क्षेत्र में
कार्यरत हैं। इस सम्मेलन के अंत में प्रकाशित वक्तव्य में कहा गया है कि भारत में कलीसिया
के अंदर आधिकारिक संरचना बनाये जाने की जरूरत है जो भावी मिशनरियों के प्रशिक्षण और तैयारी
को संभव बनाये तथा विदेशों में भी सुसमाचार प्रचार के लिए जरूरी सहायता उपलब्ध कराये।