कापरानिका कोलेज समुदाय के अधिकारियों और गुरूकुल छात्रों के लिए संत पापा का संदेश
वाटिकन सिटी 20 जनवरी 2012 (सेदोक, वीआर वर्ल्ड) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने शुक्रवार
20 नवम्बर को वाटिकन स्थित केलेंमेंतीन सभागार में 555 वर्ष पूर्व रोम में स्थापित कापरानिका
कोलेज समुदाय के लगभग 70 अधिकारियों और सेमिनरी छात्रों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा
कि ईश्वर के साथ गहन संबंध पुरोहित के जीवन की बुनियाद या नींव में है।
संत पापा
ने भावी पुरोहितों से आग्रह किया कि नवीन सुसमाचार प्रचार के कार्य़ में वे साहसपूर्वक
संलग्न हों। कलीसिया सुसमाचार प्रचार और नवीन सुसमाचार प्रचार के कार्य में युवा पुरोहितों
से बहुत अधिक आशा करती है।
उन्होंने गुरूकुल छात्रों को उत्साहित किया कि वे
प्रशिक्षण काल में ही सीखें तथा रोम में अध्ययन करने के लिए मिले सुअवसर की सराहना करें।
कलीसिया के इतिहास और परम्परा के प्रति गहन भाव रखें। संत पापा ने छात्रों से कहा कि
रोम में होना उपहार है और यह विचार उन्हें काथलिक परम्पराओं की गहराई के प्रति संवेदनशील
बनाये।
कोलेज की संरक्षिका संत आग्नेस का स्मरण करते हुए संत पापा ने कहा कि
संत अग्नेस रोम की बहुत लोकप्रिय युवा महिलाओं में से एक हैं। युवती जिन्होंने येसु ख्रीस्त
में यथार्थ विश्वास होने तथा उनके साथ मैत्री के सौंदर्य का प्रदर्शन किया। संत अग्नेस
के पर्व दिवस की पूर्वसंध्या में संत पापा ने गुरूकुल छात्रों का आह्वान किया कि वे उनकी
शहादत और कौमार्य द्वारा प्रदर्शित उदाहरण का अनुसरण करें ताकि विश्वास के निष्ठावान
साक्षी बनें।
अंततः संत पापा ने कहा- पुरोहित के प्रशिक्षण के लिए निष्ठा, समग्रता,
पूर्णता, सन्यासी अभ्यास, वीरोचित निरंतरता तथा विश्वसनीयता की जरूरत होती है। ये सब
पहलू उसके प्रशिक्षण की रचना करते हैं। इन सबकी नींव में ठोस आध्यात्मिक जीवन हो जो निजी
और सामुदायिक स्तर पर ईश्वर के साथ गहन संबंध से अनुप्राणित हो तथा पूजनधर्मविधि और संस्कारों
को बारंबार ग्रहण करने के लिए विशिष्ट फिक्र हो।