काथलिक विश्वविद्यालय ख्रीस्त आधारित मानव दर्शन प्रस्तुत करें
वाटिकन सिटी 20 जनवरी 2012 (सीएनए) दिव्य आराधना और संस्कार संबंधी परमधर्मपीठीय समिति
के अध्यक्ष कार्डिनल अंतोनियो कानिजारेस ने हाल ही में स्मरण किया कि काथलिक यूनिवर्सिटियों
का कर्तव्य है कि ख्रीस्त पर आधारित मानव का दर्शन प्रस्तुत करें। कार्डिनल कानिजारेस
18 जनवरी को संत पापा के बुधवारीय आमदर्शन समारोह में स्पेन के यूनिवर्सिटी औफ अविला
के प्रतिनिधियों के साथ उपस्थित थे। इस समूह ने पिछले साल 12 से 14 अगस्त तक अविला में
सम्पन्न काथलिक विश्वविद्यालयों के प्रथम विश्व सम्मेलन के बाद तैयार किये गये विचार
विमर्शों के सारांश को प्रस्तुत किया। लोजरवातोरे रोमानो समाचार पत्र को दिये एक
वक्तव्य में स्पानी कार्डिनल ने स्मरण किया कि आज पहले से कहीं अधिक काथलिक विश्वविद्यालयों
का कर्तव्य है कि मानव का वह दर्शन प्रस्तुत करें जो ख्रीस्त के सत्य को प्रतिबिम्बित
करता है। कार्डिनल कानिजारेस 1992 से 96 तक अविला के धर्माध्यक्ष रहे थे उन्होंने कहा
कि तब कार्डिनल रातसिंगर ने उन्हें संत तेरेसा के संरक्षण में अविला विश्वविद्यालय की
स्थापना करने के लिए प्रोत्साहित किया था। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें अगस्त 2011 में
सम्पन्न विश्व युवा दिवस समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों के समूह से मिले
थे तथा उन्हें स्मरण कराया था कि विश्वविद्यालय अपने आप में ऐसा आदर्श धारण करें जिससे
समझौता नहीं किया जाये वह चाहे तार्किक संवाद हो या शुद्ध रूप से केवल उपयोगी और आर्थिक
विचार के सुसंगत जिसमें मनुष्य को केवल उपभोक्ता के रूप में देखा जाता है। एल एसकोरियल
मठ में लोगों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने अपने अध्यापन काल का स्मरण करते हुए प्रोफेसरकों
को उत्साहित किया था कि वे उस विचार पर विजय पायें कि आज विश्वविद्यालय प्रोफेसर का मिशन
केवल तत्पर और सक्षम प्रोफेशनल्स प्रशिक्षित करना है जो किसी दिये गये समय में श्रम शक्ति
की माँग को पूरा कर सके।