2012-01-19 17:32:22

फिनलैंड लुथरन चर्च के प्रतिनिधियों की संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के साथ मुलाकात


वाटिकन सिटी 19 जनवरी 2012 सेदोक फिनलैंड के लुथरन चर्च के प्रतिनिधियों ने 19 जनवरी को वाटिकन में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का साक्षात्कार किया और उनका संदेश सुना। 16 सदस्यीय प्रतिनिधिंडल फिनलैंड के संरक्षक संत, उपसाला के संत हेनरिक के पर्व के उपलक्ष्य में अपनी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए रोम आया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे हेलसिंकी के काथलिक धर्माध्यक्ष तेमु सिप्पो और मिक्केली के लुथरन धर्माध्यक्ष सेक्को हाक्कीनेन प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।

संत पापा ने फिनलैंड से आये लुथरन चर्च के प्रतिनिधिमंडल को दिये अपने संदेश में कहा कि वे उनका सहर्ष स्वागत करते हैं तथा संरक्षक संतो का स्मरण करते हुए पवित्र आत्मा के कार्यों के लिए धन्यवाद देते हैं जिन्होंने लोगों के जीवन में पूर्ण परिवर्तन लाया तथा जो लोग ख्रीस्त और सुसमाचार के प्रति निष्ठा का उल्लेखनीय साक्ष्य छोड़ गये हैं।

संत पापा ने कहा कि फिनलैंड से आनेवाले कलीसियाई एकतावर्द्धक प्रतिनिधिमंडल की रोम की वार्षिक भेंट फिनलैंड में मसीही समुदायों के मध्य बढ़ती एकात्मता का साक्ष्य देती है। उनकी आशा है कि यह सामुदायिकता, काथलिकों, लुथरनों और अन्य मसीही समुदायों के मध्य बढ़ती रहे तथा और अधिक फल उत्पन्न करे।

संत पापा ने कहा कि हमारी गहन मैत्री और येसु मसीह का सामान्य साक्ष्य दिया जाना आज के विश्व के जिसके सामने बहुत बार सच्ची दिशा की कमी होती है तथा जो मुक्ति के संदेश को सुनना चाहता है, यह स्थिति हमारी प्रगति को गति प्रदान करे ताकि हम विद्मान भिन्नताओं को दूर कर सकें एवं उन मुददों का समाधान कर सकें जिनपर मसीही विभाजित हैं।

संत पापा ने कहा कि हाल के वर्षों में ईसाईयों के मध्य मतभिन्नता के बिन्दु नैतिक सवाल, विशेष रूप से मानव प्रकृति और इसकी प्रतिष्ठा के बारे में उचित समझदारी से संलग्न बातें रही हैं। ईसाईयों के मध्य मानवशास्त्रीय मुददों पर गहन सहमति के निष्कर्ष तक पहुँचना जरूरी है जो समाज तथा राजनीतिज्ञों की सहायता कर सके ताकि मानव जीवन, परिवार और सेक्सुआलिटी के क्षेत्र से संलग्न महत्वपूर्ण सवालों पर उन्हें उचित तथा विवेकपूर्ण निर्णय लेने के लिए सहायता करे। इस परिप्रेक्ष्य में संत पापा ने कहा कि फिनलैंड और स्वीडेन के संदर्भ में कलीसियाई द्विपक्षीय एकतावर्द्धक समिति के दस्तावेज न केवल काथलिकों और लुथरनों के मध्य समझदारी को प्रतिबिम्बित करते हैं लेकिन यह दस्तावेज ईसाईयों से आग्रह करता है कि वे अपने जीवन और काम में ख्रीस्त का अनुसरण करने के अपने समर्पण को नवीकृत करें।

संत पापा ने कहा कि पवित्रता के लिए नवीनीकरण तथा मसीही सदगुणों का सार्वजनिक अभ्यास जो कठिन प्रतीत होता है इसे संभव बनाने के लिए हम पवित्र आत्मा की शक्ति पर भरोसा रखते हैं। ईसाईयों के मध्य पूर्ण और दृश्यमान एकता पाने की हमारी इच्छा में धैर्य़पूर्ण और भरोसापूर्ण प्रतीक्षा जरूरी है जो बेबसी या निष्क्रियता की भावना में नहीं हो लेकिन गहरा भरोसा है कि सब ईसाईयों के मध्य एकता ईश्वर का उपहार है न कि हमारे प्रयासों की उपलब्धि। संत पापा ने कहा कि इस प्रकार की धैर्यपूर्ण प्रतीक्षा एवं प्रार्थनामय आशा हमारा पूर्णपरिवर्तन करती तथा हमें प्रत्यक्ष एकता के लिए तैयार करती है जो हमारी योजना के अनुसार नहीं हो लेकिन जिसे ईश्वर देते हैं।

संत पापा ने फिनलैंड से आये लुथरन प्रतिनिधिमंडल के रोम दौरे को देखते हुए यह कामना की कि फिनलैंड में काथलिकों और लुथरनों के मध्य विद्यमान भ्रातृत्वमय संबंध और अधिक गहरा तथा मजबूत बने। अबतक मिले वरदानों के लिए हम ईश्वर को धन्यवाद दें तथा प्रार्थना करें कि और अधिक प्रेम तथा एकता पाने के लिए सत्य का आत्मा मार्गदर्शन करे।

संत पापा ने अपने संदेश के अंत में फिनलैंड के सब नागरिकों पर प्रचुर मात्रा में ईश्वर की आशीष की कामना की।








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